गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता अप्रैल में घटकर 20.13 गीगावाट पर

गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता अप्रैल में घटकर 20.13 गीगावाट पर

गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता अप्रैल में घटकर 20.13 गीगावाट पर
Modified Date: May 21, 2025 / 03:00 pm IST
Published Date: May 21, 2025 3:00 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता में पिछले तीन महीनों में 20 प्रतिशत यानी पांच गीगावाट की कमी आई है और अप्रैल तक यह 20.13 गीगावाट रह गई है।

यह बात ऐसे समय सामने आई है जब सरकार ने गर्मियों के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अप्रयुक्त गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता का उपयोग करने का निर्देश जारी किया है। इस गर्मी के मौसम बिजली की मांग 277 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 472.47 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) थी। इसमें गैस आधारित क्षमता 20.13 गीगावाट थी।

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मार्च में कुल बिजली उत्पादन 475.21 गीगावाट रहा। इसमें गैस आधारित क्षमता की हिस्सेदारी 24.53 गीगावाट थी।

फरवरी में भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 470.45 गीगावाट थी और गैस आधारित क्षमता का हिस्सा 25.18 गीगावाट था।

बिजली मंत्रालय ने गर्मियों में मांग में अनुमानित वृद्धि के बीच निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और ग्रिड सुरक्षा बनाये रखने के लिए बिना उपयोग वाली गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

मंत्रालय निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और इस गर्मी के मौसम में 277 गीगावाट की अनुमानित अधिकतम बिजली मांग को पूरा करने के लिए कदम उठा रहा है।

पिछले साल मई में बिजली की अधितम मांग 250 गीगावाट के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।

मंत्रालय ने बिजली अधिनियम की धारा 11 को लागू करते हुए नये निर्देश जारी किए हैं, ताकि देश में ‘गैस आधारित बिजली संयंत्रों से अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके’ और मांग में वृद्धि को पूरा किया जा सके।

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि भारत की बिजली की मांग में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण आर्थिक वृद्धि के साथ उच्च तापमान के समय मांग का बढ़ना है।

भाषा रमण अजय

अजय


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