चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमानः केयरएज

चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमानः केयरएज

चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमानः केयरएज
Modified Date: December 17, 2025 / 05:11 pm IST
Published Date: December 17, 2025 5:11 pm IST

मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है, जबकि अगले वित्त वर्ष में इसके कुछ नरम होकर सात प्रतिशत पर आने का अनुमान है। घरेलू रेटिंग एजेंसी केयरएज ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।

रिपोर्ट के अनुसार, हाल में 91 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक फिसल चुका रुपया आगे चलकर मजबूत हो सकता है। इसने वित्त वर्ष 2026-27 में रुपये के 89-90 रुपये प्रति डॉलर के दायरे में रहने का अनुमान जताया है।

केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2026-27 की तरफ कदम बढ़ाते समय भारत का वृहद आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। बाहरी अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में करीब सात प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर्ज करने में सक्षम रहेगी।’

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उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने, ब्याज दरों में नरमी आने और कर बोझ में कमी जैसे कारक आर्थिक वृद्धि को समर्थन देंगे। इसके अलावा, संभावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौता भी वृद्धि को और रफ्तार दे सकता है।

एजेंसी ने कहा कि पूंजीगत व्यय चक्र में शुरुआती स्तर पर सुधार के संकेत दिखने लगे हैं, जिसका प्रमाण पूंजीगत वस्तु कंपनियों के ऑर्डर बुक में मजबूत वृद्धि से मिलता है। साथ ही, सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में हुई बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि विदेशी निवेशक भारत की वृद्धि संभावनाओं पर भरोसा जता रहे हैं।

रिपोर्ट कहती है कि श्रम संहिता जैसे नए सुधार घरेलू और वैश्विक निवेशकों का विश्वास और मजबूत करेंगे।

हालांकि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में निर्यात में अग्रिम ऑर्डरों का असर कम होने और त्योहारों के बाद खपत के सामान्य होने से वृद्धि दर कुछ धीमी होकर सात प्रतिशत रह सकती है। इसके बावजूद समूचे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में वस्तु निर्यात में करीब एक प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इसके पीछे शुल्क वृद्धि के कारण अमेरिका को होने वाले निर्यात में आई कमी है।

केयरएज के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में चालू खाते का घाटा एक प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है।

वहीं, केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के 4.4 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल कर लेगी जबकि अगले वित्त वर्ष में इसमें 0.2 प्रतिशत की और कटौती की जा सकती है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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