वित्तीय वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी को झटका, ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी पर

वित्तीय वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी को झटका, ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी पर

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  • Publish Date - May 31, 2019 / 12:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने गुरुवार को शपथ ली और शुक्रवार को ही अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक बुरी खबर आई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश का आर्थिक विकास दर घटकर 6 फीसदी से भी नीचे चला गया है। जारी आंकड़ों के मुताबकि, जनवरी-मार्च की तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) महज 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक चौथी तिमाही के बेहद कमजोर आंकड़े का असर पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट पर पड़ा जो 7 प्रतिशत से नीचे फिसलकर 6.8 प्रतिशत पर आ गया है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.1 प्रतिशत रही थी। 2017-18 वित्त वर्ष में देश का आर्थिक विकास 7.2 प्रतिशत की दर से हुआ था। जनवरी-मार्च तिमाही में वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 में 2.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

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वहीं, 2017-18 के पूरे वित्त वर्ष के जीडीपी ग्रोथ रेट के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई। बताया जा रहा है कि ग्रोथ को झटका लगने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी, लेकिन ग्रोथ रेट के 6 प्रतिशत से भी नीचे गिरने की उम्मीद किसी को नहीं थी। देश के विभिन्न बैंकों ने ग्रोथ रेट 6 से 6.3 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद जताई थी।