सरकार ने लद्दाख में सिंधु नदी पर आठ पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी

सरकार ने लद्दाख में सिंधु नदी पर आठ पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी

सरकार ने लद्दाख में सिंधु नदी पर आठ पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: January 7, 2021 3:31 pm IST

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) सरकार ने लद्दाख में सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों पर 144 मेगावॉट की आठ पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। जल शक्ति मंत्रालय के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने कहा कि अभी लद्दाख में सिंधु नदी पर 113 मेगावॉट की सामूहिक क्षमता के साथ कई छोटी परियोजनाएं हैं। नई परियोजनाओं में अब तक निर्मित परियोजनाओं

की तुलना में कहीं अधिक क्षमता होगी।

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अधिकारी ने कहा कि पिछले साल लद्दाख को एक अलग संघ शासित प्रदेश घोषित किया गया था। इन नई परियोजनाओं को केंद्रीय जल आयोग और साथ ही सिंधु आयुक्त द्वारा मंजूरी दे दी गई है ।

ये परियोजनाएं लद्दाख के कारगिल और लेह जिलों में स्थापित की जाएंगी।

भौगोलिक स्थिति के कारण लद्दाख क्षेत्र में बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण संभव नहीं है ।

अधिकारी ने बताया कि जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है उनमें लेह में दुर्बुक श्योक (19 मेगावॉट), शंकू (18.5 मेगावॉट), निमू चिलिंग (24 मेगावॉट), रोंगडो (12 मेगावॉट), रतन नाग (10.5 मेगावॉट) तथा कारगिल में मैंगडुम सांगरा (19 मेगावॉट), कारगिल हुंडरमैन (25 मेगावॉट) और तमाशा (12 मेगावॉट) शामिल हैं।

मौजूदा परियोजनाओं में से कई एक मेगावॉट क्षमता से भी कम की हैं।

अधिकारी ने कहा कि नई परियोजनाओं का निर्माण अन्य अनिवार्य मंजूरियां मिलने के बाद शुरू होगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘इन परियोजनाओं का डिजाइन केंद्रीय जल आयोग द्वारा सिंधु जल संधि के अनुपालन के अनुरूप प्रमाणित किया गया है। इन परियोजनाओं के डिजाइन के बारे में जानकारी संधि के प्रावधानों के अनुसार पाकिस्तान को प्रदान की जा रही है।’’

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर


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