सरकार ने एक अप्रैल से चुनावी बांड जारी करने को मंजूरी दी

सरकार ने एक अप्रैल से चुनावी बांड जारी करने को मंजूरी दी

सरकार ने एक अप्रैल से चुनावी बांड जारी करने को मंजूरी दी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 pm IST
Published Date: March 30, 2021 3:21 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) सरकार ने चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनावों के बीच मंगलवार को चुनावी बांड की 16वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी। यह बिक्री के लिये एक अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच खुलेगा।

राजनीतक दलों को दिये जाने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयास के तहत चुनावी बांड की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत राजनीतिक दलों को नकद चंदे के बजाए चुनावी बांड का विकल्प रखा गया है। हालांकि विपक्षी दल ऐसे बांड के जरिये चंदे में कथित पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताते रहे हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि निर्वाचन आयोग ने 17 मार्च को आचार संहिता के दृष्टकोण से कुछ शर्तों के साथ चुनावी बांड को मंजूरी दे दी। इसमें यह शर्त शामिल है कि कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता या पदाधिकारी सार्वजनिक भाषण या प्रेस अथवा अपने उन क्षेत्र के लोगों से इस संदर्भ में कुछ नहीं कहेंगे, जहां चुनाव होने जा रहे हैं।

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बयान के अनुसार, ‘‘भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को एक अप्रैल 2021 से 10 अप्रैल 2021 के दौरान 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये चुनावी बांड की 16वें चरण की बिक्री और उसे भुनाने के लिये अधिकृत किया गया है।’’

एसबीआई की ये 29 शाखाएं कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, तिरूवनंतपुरम, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, श्रीनगर, देहरादून, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में हैं। पहले चरण में चुनावी बांड की बिक्री एक से 10 मार्च 2018 को हुई थी।

चुनाव बांड की 15वें चरण की बिक्री एक जनवरी से 10 जनवरी 2021 के बीच हुई थी।

योजना के प्रावधान के अनुसार चुनावी बांड कोई व्यक्ति खरीद सकता है जो भारत का नागरिक या यहां गठित इकाई है। वैसे पंजीकृत दल जिन्होंने पिछले लेकसभा या विधानसभा चुनाव में कम-से-कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया है, वे चुनावी बांड प्राप्त करने के हकदार हैं।

एसबीआई एक मात्र बैंक है जिसे इस प्रकार के बांड जारी करने के लिये अधिकृत किया गया।

चुनावी बांड जारी करने के 15 दिनों के भीतर वैध रहता है। वैधता अवधि समाप्त होने के बाद अगर बांड जमा किया जाता है, तो उसे संबंधित राजनीतिक दल को भुगतान नहीं किया जाएगा।

पात्र राजनीतिक दलों द्वारा जमा बांड की राशि उसी दिन उसके खाते में आ जाएगी।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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