सरकार का फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य
सरकार का फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के मकसद से 11,440 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ एक छह वर्षीय केंद्रीय योजना को मंजूरी दी।
‘दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन’ वर्ष 2025-26 से वर्ष 2030-31 तक की अवधि के लिए होगा।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि अगले छह वर्षों में दलहन उत्पादन में वृद्धि की जाएगी, जिसमें कवरेज क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ फसल उत्पादकता में भी वृद्धि की जाएगी।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लक्ष्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए दालों के आयात शुल्क से संबंधित उचित निर्णय लेगी।
चौहान ने कहा कि सरकार ने ऐसे 100 ब्लॉक की पहचान की है जहां उत्पादकता, राष्ट्रीय औसत की तुलना में बहुत कम है।
चौहान ने कहा, ‘‘हम अभी तक दालों के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हैं।’’
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ-साथ सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। देश को घरेलू मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में दालों का आयात करना पड़ता है।
मंत्री ने कहा कि दलहन मिशन का उद्देश्य उत्पादन को बढ़ावा देना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
चौहान ने कहा, ‘‘वर्ष 2030-31 तक, हम दालों का रकबा मौजूदा 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर कर देंगे। हमने वर्ष दालों का उत्पादन 2024-25 के 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य भी रखा है।’’
फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में दलहन उत्पादन बढ़कर 252.38 लाख टन होने का अनुमान है।
चौहान ने कहा कि फसल उत्पादकता 881 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की औसत उपज से बढ़कर 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो जाएगी।
इस वर्ष के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित यह मिशन विशेष रूप से अरहर, उड़द और मसूर का उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित होगा, जिसमें पंजीकृत किसानों से सरकारी एजेंसियों, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) द्वारा सुनिश्चित खरीद की जाएगी।
चौहान ने कहा कि मिशन के तहत, केंद्र दलहन की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च उपज देने वाली और रोग-सहनशील बीज किस्मों को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि ये बीज किसानों को समय पर उपलब्ध हों।
भाषा राजेश राजेश अजय
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