सरकार एफपीओ योजना को पांच साल के लिए बढ़ाएगी, अनुपालन एवं पूंजी संबंधी बाधाओं का करेगी समाधान
सरकार एफपीओ योजना को पांच साल के लिए बढ़ाएगी, अनुपालन एवं पूंजी संबंधी बाधाओं का करेगी समाधान
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए अपनी केंद्रीय योजना को 2026-31 तक अगले पांच वर्ष के लिए बढ़ाएगी जिससे उन कमियों को दूर किया जा सके जिन्होंने संचालन के विस्तार को सीमित कर दिया है।
सीआईआई एफपीओ शिखर सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि फरवरी 2020 में 10,000 एफपीओ गठित करने के लक्ष्य के साथ शुरू की गई इस योजना को अगले वित्त आयोग चक्र के लिए विस्तारित करने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ करीब 10,000 परिवार कल्याण संगठन (एफपीओ) गठित किए गए हैं लेकिन उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इनमें से कई एफपीओ पिछले दो वर्ष में गठित किए गए हैं। इसलिए हमें सामुदायिक संगठनों एवं कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ मिलकर उनका मार्गदर्शन करना होगा।’’
मंत्रालय ने किसान संगठन (एफपीओ) को सफल बनाने में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों की पहचान की है जिनमें क्षमता निर्माण और पूंजी ऋण तक पहुंच शामिल हैं।
उन्होंने संबोधन में कहा, ‘‘ हम नई योजना में इन कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि वे किसानों को प्रतिफल देने के मामले में अत्यंत कुशल, ऊर्जावान और गतिशील बन सकें।’’
किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सामने एक बड़ी चुनौती कंपनी अधिनियम के तहत मानदंडों का अनुपालन करना है।
सचिव ने बताया कि विभाग ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से शुरुआती तीन से चार वर्ष के दौरान जुर्माने में छूट देने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अनुपालन आवश्यक है लेकिन उनके लिए जुर्माना कम किया जा सकता है। जब वे सक्षम हो जाएंगे, तो वे नियमों का पालन कर सकेंगे।’’
शिखर सम्मेलन में चतुर्वेदी ने बताया कि चित्रकूट में 2020 में शुरू किए गए 10,000 एफपीओ ने वित्त वर्ष 2024-25 में 9,000 करोड़ रुपये का संचयी वार्षिक कारोबार हासिल कर लिया है, हालांकि कुछ रिपोर्ट अब भी नहीं मिली हैं।
उनका अनुमान है कि कुल कारोबार 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
इन एफपीओ ने भारत के 12-13 करोड़ किसान समुदाय में से 52 लाख किसानों तक अपनी पहुंच बनाई है।
इसी कार्यक्रम में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के सचिव सुधांशु ने कहा कि कृषि निर्यात प्रोत्साहन निकाय घरेलू एवं निर्यात बाजारों में मानकीकृत, गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एफपीओ अभियान को मजबूत कर रहा है।
सह्याद्री फार्म्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) विलास विष्णु शिंदे, पीआई इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सलिल सिंघल, प्रोवेस ग्रुप के चेयरमैन राजेश श्रीवास्तव, ओलम एग्रो के ‘कंट्री हेड’ संजय सचेती और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) महानिदेशक के. आर. रामलिंगम भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
भाषा निहारिका मोना
मोना

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