नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग करने केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी, सरकार रणनीतिक खरीदार को बेचेगी अपनी हिस्सेदारी

नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग करने केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी, सरकार रणनीतिक खरीदार को बेचेगी अपनी हिस्सेदारी

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  • Publish Date - October 14, 2020 / 01:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र (एनएसपी) को एनएमडीसी से अलग करने और इसके रणनीतिक विनिवेश की मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार एनएसपी में अपनी समूची हिस्सेदारी रणनीतिक खरीदार को बेचेगी। इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी छत्तीसगढ़ के नगरनार में इस्पात कारखाने का निर्माण कर रही है।

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बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग करने और विभाजित कंपनी (एनएसपी) के विनिवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार एनएसपी में अपनी समूची हिस्सेदारी रणनीतिक खरीदार को बेचेगी।’’ बयान में कहा गया है कि विभाजन और विनिवेश की प्रक्रिया साथ-साथ चलेगी और विभाजित कंपनी एनएसपी का विनिवेश सितंबर, 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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इस विभाजन के बाद एनएमडीसी खनन की अपनी प्रमुख गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। बयान में कहा गया है कि एनएसपी एक अलग कंपनी होगी और एनएमडीसी तथा एनएसपी का प्रबंधन संबंधित कंपनियों के परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन के लिए जवाबदेह होगा। बयान के अनुसार, ‘‘एनएमडीसी के शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी के अनुपात में विभाजित कंपनी एनएसपी के भी शेयरधारक होंगे। निवेशक बेहतर तरीके से कंपनी के परिचालन को देख सकेंगे।’’

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बयान में कहा गया है कि पूंजीगत लाभ की दृष्टि से यह विभाजन कर तटस्थ होगा। एनएसपी 30 लाख टन सालाना का एकीकृत इस्पात संयंत्र है। एनएमडीसी द्वारा नगरनार में 1,980 एकड़ क्षेत्र में इसकी स्थापना की जा रही है। इसकी संशोधित अनुमानित लागत 23,140 करोड़ रुपये है। एनएमडीसी आज की तारीख तक इस परियोजना में 17,186 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। इसमें से 16,662 करोड़ रुपये का निवेश एनएमडीसी ने अपने कोष से किया है। शेष 524 करोड़ रुपये बांड बाजार से जुटाए गए हैं।