सरकार को छोटे किसानों के लिए टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए: सिंजेन्टा
सरकार को छोटे किसानों के लिए टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए: सिंजेन्टा
(लक्ष्मी देवी ऐरे)
नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) स्विटजरलैंड की फसल संरक्षण कंपनी सिंजेन्टा समूह की मुख्य संवहनीयता अधिकारी पेट्रा लॉक्स ने कहा कि भारत के छोटे किसानों का समर्थन करने के लिए सरकारी नीतियों के तहत टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को खासतौर से अनियमित मानसून, सूखे और बाढ़ जैसी बढ़ती जलवायु चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि क्षेत्र में छोटे किसानों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है।
लॉक्स ने कहा कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कृषि का योगदान 25 प्रतिशत है, लेकिन इसे जलवायु परिवर्तन निधि और सब्सिडी का केवल पांच प्रतिशत ही मिलता है। इसलिए जलवायु-अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करना बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अनिश्चित फसल मूल्य छोटे किसानों को टिकाऊ तरीके अपनाने से हतोत्साहित करते हैं। इसके अलावा उपभोक्ताओं द्वारा अधिक भुगतान करने की अनिच्छा भी इसे अपनाने में बाधा डालती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में उत्सर्जन कम करने के लिए शुरू की गई पहलों, जैसे निर्यात बाजारों के लिए दिल्ली के पास सिंजेन्टा की मीथेन केंद्रित पहल, को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
लॉक्स ने कहा, ”टिकाऊ तरीके से उगाई गई फसलों या कम उत्सर्जन वाली फसलों के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं है। यह वैश्विक स्थिति है, और इसका एक कारण यह है कि सुपरमार्केट में उपभोक्ता अधिक भुगतान नहीं करना चाहते।”
उन्होंने कहा कि भारत के युवा और डिजिटल रूप से कुशल किसान टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन नीतियों के माध्यम से उन्हें पुरस्कृत करना चाहिए।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय

Facebook



