आईओबी में तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी ओएफएस के जरिये बेचेगी सरकार

आईओबी में तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी ओएफएस के जरिये बेचेगी सरकार

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 08:29 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 08:29 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) में तीन प्रतिशत तक हिस्सेदारी का विनिवेश बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये करने का फैसला किया है।

बुधवार से शुरू होने वाली इस हिस्सेदारी बिक्री से सरकार को मौजूदा बाजार भाव पर करीब 2,100 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।

मंगलवार को बीएसई पर आईओबी का शेयर 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36.57 रुपये पर बंद हुआ।

आईओबी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि सरकार मूल पेशकश के तहत दो प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर 38.51 करोड़ शेयर बेचेगी।

इसके अलावा ‘ग्रीन शू’ विकल्प यानी अतिरिक्त बोली आने पर उसे रखने के तहत अतिरिक्त एक प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर 19.25 करोड़ शेयर भी बेचने का विकल्प रखा गया है। कुल मिलाकर यह बैंक की चुकता इक्विटी पूंजी का तीन प्रतिशत है।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणिश चावला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘आईओबी का ओएफएस बुधवार को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खुलेगा, जबकि खुदरा निवेशक बृहस्पतिवार को बोली लगा सकेंगे।’

फिलहाल चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 94.61 प्रतिशत है।

बैंक ने यह भी बताया कि ओएफएस के तहत 1.5 लाख शेयर (करीब 0.001 प्रतिशत हिस्सेदारी) पात्र कर्मचारियों के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। पात्र कर्मचारी सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी होने पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक के शेयरों के लिए आवेदन कर सकेंगे।

यह विनिवेश न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियमों के अनुरूप है, जिसके तहत सूचीबद्ध कंपनियों में कम-से-कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी आम जनता के पास होना अनिवार्य है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को इस नियम पर खरा उतरने के लिए अगस्त, 2026 तक की छूट दी है।

आईओबी के अलावा पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में भी सरकार की हिस्सेदारी तय सीमा से अधिक है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण