सरकार मालवहन, उड़ान प्रशिक्षण के लिए अलग हवाईअड्डे स्थापित करने पर कर रही काम: नायडू

सरकार मालवहन, उड़ान प्रशिक्षण के लिए अलग हवाईअड्डे स्थापित करने पर कर रही काम: नायडू

सरकार मालवहन, उड़ान प्रशिक्षण के लिए अलग हवाईअड्डे स्थापित करने पर कर रही काम: नायडू
Modified Date: March 11, 2025 / 05:42 pm IST
Published Date: March 11, 2025 5:42 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) हवाई यातायात में बढ़ोतरी और विमान बेड़े के विस्तार के साथ ही सरकार अधिक हवाई अड्डे स्थापित करने के लिए एक ‘टेम्पलेट मॉडल’ लागू करने की योजना बना रही है। इसके तहत विशेष रूप से मालवहन और उड़ान प्रशिक्षण संगठनों के लिए हवाई अड्डे भी तैयार किए जाएंगे।

भारत, दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है। देश में इस समय 159 हवाईअड्डे परिचालन में हैं। दूसरी ओर घरेलू एयरलाइनों ने 1,700 से अधिक विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं।

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नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि मंत्रालय ”एक टेम्पलेट मॉडल बनाने पर काम कर रहा है, जहां हमारे पास विभिन्न प्रकार के हवाई अड्डे हो सकते हैं।”

इस योजना के पीछ विचार यह है कि मालवहन और उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) सहित विभिन्न श्रेणियों के हवाई अड्डे तैयार किए जाएं।

नायडू ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार एक बहु-मॉडल प्रणाली बनाने पर विचार कर रही है और इसमें कई तकनीकी पहलू शामिल हैं।

इस सवाल पर कि क्या और हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा, मंत्री ने कहा कि निजीकरण एक अलग मुद्दा है, और फिलहाल अधिक हवाई अड्डे बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”कई स्थानों पर जमीन की उपलब्धता एक चुनौती है… हम सभी क्षेत्रों में हवाई संपर्क सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं और जहां भी संभव हो, हम जमीन की जरूरत को कम कर रहे हैं… उदाहरण के लिए एक छोटा हवाई अड्डा जहां हम एटीआर संचालित कर सकें।”

घरेलू हवाई यात्री यातायात 2024 में 16.13 करोड़ से थोड़ा अधिक था, जबकि घरेलू एयरलाइनों का वर्तमान बेड़ा 800 से अधिक विमानों का है।

एयर इंडिया से जुड़ी कुछ हालिया घटनाओं से संबंधित सवालों के जवाब में नायडू ने कहा कि जब भी कोई मुद्दा होता है, तो उस पर चर्चा की जाती है और संबंधित एयरलाइन से प्रतिक्रिया भी मांगी जाती है।

उन्होंने कहा, ”यदि कोई कानून तोड़ता है, तो हम कार्रवाई करते हैं। उन्हें दंडित करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि चीजें सही तरीके से हों।”

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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