(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत करते हुए हमेशा घरेलू उद्योगों के आनुपातिक और दीर्घकालिक लाभों को ध्यान में रखती है।
इसके साथ ही गोयल ने कहा कि वे दिन चले गए जब भारत दुनिया की शर्तों को स्वीकार करता था।
गोयल ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ”हम यह सुनिश्चित करने के लिए भविष्य पर नजर रखते हैं कि भविष्य में भी एफटीए का प्रभाव सकारात्मक होगा। हमारा ध्यान संतुलित, निष्पक्ष और न्यायसंगत एफटीए पर होता है।”
उन्होंने कहा, ‘हमारी तरफ से पेश किए जा रहे बड़े भारतीय अवसर को देखा जा सकता है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमें (इन समझौतों से) देश के लिए आनुपातिक लाभ मिले।’
उन्होंने आने वाले दिनों में इस मोर्चे पर ‘कुछ अच्छी खबरें’ आने का संकेत भी दिया।
यह टिप्पणी इस लिहाज से अहम है कि भारत की यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) समूह के साथ एफटीए पर वार्ता पूरी हो चुकी है। ईएफटीए में आइसलैंड, लीशटेंसटाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
इसके अलावा भारत मुक्त व्यापार समझौते को लेकर ब्रिटेन और ओमान के साथ भी कई दौर की बातचीत कर चुका है।
गोयल ने कहा कि मोदी सरकार के समय किए जाने वाले मुक्त व्यापार समझौतों में उद्योग के साथ बड़ी मात्रा में हितधारकों का परामर्श भी शामिल होता है। समझौते से जुड़ा हरेक मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि सरकार देश के दीर्घकालिक हितों की रक्षा करे।
उन्होंने कहा, ‘आज हम बातचीत के दौरान एक बड़े भारतीय अवसर के आधार पर शर्तें रखते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि हम आने वाले दिनों में कुछ अच्छी खबरें सुनेंगे। हमारे अधिकारी लगातार कई मोर्चों पर लगे हुए हैं।’
मुक्त व्यापार समझौते में दोनों पक्ष सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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