सरकार के सुधारों, वित्तीय अनुशासन से जीडीपी 7.8 प्रतिशत पर पहुंची: भारतीय उद्योग जगत

सरकार के सुधारों, वित्तीय अनुशासन से जीडीपी 7.8 प्रतिशत पर पहुंची: भारतीय उद्योग जगत

सरकार के सुधारों, वित्तीय अनुशासन से जीडीपी 7.8 प्रतिशत पर पहुंची: भारतीय उद्योग जगत
Modified Date: August 30, 2025 / 05:40 pm IST
Published Date: August 30, 2025 5:40 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) उद्योग जगत ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पिछले एक दशक में किए गए सुधारों और वित्तीय अनुशासन का परिणाम है।

उद्योग जगत के दिग्गजों ने भरोसा जताया कि मजबूत घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिकी शुल्कों जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकती है और वृद्धि के रास्ते पर बनी रहेगी।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है। इस अवधि में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही। इस तरह भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा, ”भारत की विकास गाथा भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित ताकत, सरकारी खर्च में बढ़ोतरी, सेवा और विनिर्माण क्षेत्रों के बेहतरीन प्रदर्शन और लगातार किए जा रहे सुधारों को दर्शाती है।”

उन्होंने कहा कि 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत न केवल सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, बल्कि यह कई वैश्विक चुनौतियों के सामने एक असाधारण वृद्धि को भी दर्शाता है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ”वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की 7.8 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है… यह परिणाम ऐसे समय में भारत की स्थिति को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में मजबूत करता है, जब वैश्विक वृद्धि महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है।”

चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘सीआईआई को पूरा भरोसा है कि उद्योग जगत और सरकार मिलकर काम करते रहेंगे, तो भारत एक मजबूत, समावेशी और दुनिया का नेतृत्व करने वाली वृद्धि हासिल करना जारी रखेगा।’

फिक्की के अध्यक्ष हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि सभी उम्मीदों से बेहतर है और यह एक सुखद आश्चर्य के रूप में आई है।

उन्होंने कहा, ‘बजट में दी गई आयकर राहत, रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती, मानसून की अच्छी प्रगति और आने वाले समय में जीएसटी दरों में बदलाव घरेलू मांग को सहारा देंगे। ये कदम हमें अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों के कारण निर्यात में आने वाली संभावित कमजोरी का मुकाबला करने के लिए जरूरी सुरक्षा कवच प्रदान करेंगे।’

फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत गोयनका ने कहा कि पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और लगातार बढ़ती आर्थिक गति को साफ दर्शाते हैं, जिसे घरेलू मांग का समर्थन मिल रहा है।

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय


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