नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डॉलर को पार कर चुकी है और 2030 तक इसके 7,000 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह कहा गया।
इस दौरान नवीकरणीय बिजली क्षमता और उत्पादन में सबसे तेज वृद्धि भारत में होगी।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सहयोग से तैयार विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दशक में सबसे तेज बढ़ते क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही हरित अर्थव्यवस्था से विभिन्न उद्योगों की कंपनियां पहले ही लाभ कमा रही हैं।
शोध बताते हैं कि आर्थिक अनिश्चितता और अलग-अलग परिस्थितियों के बावजूद हरित तकनीकों में निवेश लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहा है।
रिपोर्ट में हरित अर्थव्यवस्था को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में एक बताया गया, जिसे सिर्फ प्रौद्योगिकी क्षेत्र ही पीछे छोड़ पाया है। हरित समाधान अपनाने वाली कई कंपनियों को इसका फायदा मिल रहा है।
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि शोध से पता चलता कि हरित राजस्व वाली कंपनियां अक्सर कई वित्तीय मापदंडों पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 2024 से 2030 के बीच अधिकांश क्षेत्रों में नवीकरणीय क्षमता सालाना औसतन 10 प्रतिशत बढ़ेगी। इसमें भारत 16 प्रतिशत के साथ सबसे आगे रहेगा, उसके बाद चीन 15 प्रतिशत पर होगा।
भाषा पाण्डेय रमण
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