नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने शनिवार को नेटफ्लिक्स द्वारा वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के प्रस्तावित अधिग्रहण पर अपनी चिंता जताई और कहा कि यह भारत के सिनेमाघरों और व्यापक फिल्म उद्योग के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा और आर्थिक खतरा पैदा करता है।
एमएआई ने कहा कि दुनिया के प्रमुख स्टूडियो में से एक वार्नर ब्रदर्स को ऐसे स्ट्रीमिंग मंच द्वारा खरीदे जाने से, जो पहले से ही सिनेमाघरों में फिल्में रिलीज करने को महत्व नहीं देता, भारत के फिल्म उद्योग और उसकी अर्थव्यवस्था को सीधा खतरा पैदा हो सकता है।
नेटफ्लिक्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के स्टूडियो और स्ट्रीमिंग व्यवसाय को 72 अरब डॉलर में खरीदने का समझौता किया है। यह नकद और शेयरों वाला सौदा वार्नर ब्रदर्स के टीवी और फिल्म खंड को भी शामिल करता है। वार्नर के पास एचबीओ मैक्स स्ट्रीमिंग सेवा और डीसी स्टूडियो भी हैं। यह सौदा 2026 की तीसरी तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।
एमएआई के अध्यक्ष कमल गिआंचंदानी ने कहा कि भारतीय सिनेमाघर बाजार विविधता, बड़े पैमाने और सांस्कृतिक विविधता पर आधारित है और इसी पर वह फल-फूल रहा है।
उन्होंने कहा, ”नेटफ्लिक्स ने अपने सिनेमाघरों में सीमित और सख्त रिलीज नीति के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है कि वह ‘सिनेमा-फर्स्ट’ मॉडल में विश्वास नहीं रखता। यदि यह अधिग्रहण सफल होता है, तो दो प्रमुख खतरे उभरकर सामने आएंगे पहला, सिनेमाघरों में उच्च गुणवत्ता वाली फिल्मों की कमी हो जाएगी, और दूसरा, फिल्मों को सिनेमाघरों में दिखाने की अवधि में भारी कटौती हो सकती है या वह पूरी तरह समाप्त भी हो सकती है।”
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय