एक्सिस-मैक्स सौदे के खिलाफ स्वामी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने कहा, अदालत नहीं है ‘सुपर रेगुलेटर’

एक्सिस-मैक्स सौदे के खिलाफ स्वामी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने कहा, अदालत नहीं है ‘सुपर रेगुलेटर’

एक्सिस-मैक्स सौदे के खिलाफ स्वामी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने कहा, अदालत नहीं है ‘सुपर रेगुलेटर’
Modified Date: August 20, 2024 / 08:02 pm IST
Published Date: August 20, 2024 8:02 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक्सिस बैंक द्वारा मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में शेयरों की बिक्री और खरीद के जरिये ‘अनुचित लाभ’ कमाने के लिए कथित रूप से की गई धोखाधड़ी में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि उसे ‘सुपर रेगुलेटर’ के रूप में काम नहीं करना चाहिए।

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मुद्दे पर स्वामी की एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत वाणिज्यिक लेनदेन की जांच करने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए।

अदालत ने कहा कि खासकर जब संबंधित क्षेत्र के नियामक मामले को देख रहे हों, अदालतों को जांच नहीं करनी चाहिए।

अदालत ने जनहित याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी और बाजार नियामक सेबी तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को मामले में जल्द से जल्द जांच पूरी करने और आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एक्सिस बैंक ने गैर-पारदर्शी तरीके से और लागू नियमों का उल्लंघन करते हुए मैक्स लाइफ के इक्विटी शेयरों की बिक्री और खरीद से कुल 4,000 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ कमाया।

भाषा अजय पाण्डेय

अजय


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