मुंबई, HDFC once again suffered losses बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 770 का गोता लगाकर 59,000 अंक के नीचे बंद हुआ। आईटी और वित्तीय शेयरों में मुनाफावसूली के बीच कारोबार के अंतिम समय में बिकवाली दबाव बढ़ने से यह गिरावट आयी। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से भी कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
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HDFC once again suffered losses तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 770.31 अंक यानी 1.29 प्रतिशत टूटकर 58,788.02 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 219.80 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,560.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शेयरों में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान में एचडीएफसी का शेयर रहा। इसके अलावा इन्फोसिस, एलएंडटी, कोटक बैंक, बजाज फिनसर्व और टेक महिंद्रा में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।
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सेंसेक्स के 25 शेयर नुकसान में जबकि पांच लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहा। चीन और हांगकांग समेत एशिया के कई अन्य बाजार चंद्र नव वर्ष के मौके पर बंद रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत फिसलकर 88.89 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
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शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 183.60 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जनवरी के महीने में नरम पड़ी हैं। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वे के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने के बीच इसकी रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों और मुद्रास्फीति दबाव के साथ नए कारोबार में काफी धीमी गति से वृद्धि हुई। आईएचएस मार्किट के अनुसार मौसमी रूप से समायोजित भारत सेवा व्यापार गतिविधियां सूचकांक जनवरी में मासिक आधार पर घटकर 51.5 रहा, जो दिसंबर में 55.5 था। यह पिछले छह महीने में विस्तार की सबसे धीमी दर है।
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