होटल निकाय ने 7,500 रुपये तक किराए वाले कमरे पर आईटीसी बहाल करने की मांग की
होटल निकाय ने 7,500 रुपये तक किराए वाले कमरे पर आईटीसी बहाल करने की मांग की
नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने शनिवार को 7,500 रुपये तक किराए वाले कमरे पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बहाल करने की मांग की।
सरकार ने इन कमरों के किराए पर लगने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, जीएसटी में कटौती से पहले आईटीसी का प्रावधान था, जिसे अब हटा दिया गया है।
एफएचआरएआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जयसवाल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत के 90 प्रतिशत होटल ऐसे हैं जिनका कमरे का किराया 7,500 रुपये से कम होता है और अब उन पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है लेकिन आईटीसी नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि भले ही जीएसटी की दरें घटाकर उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने, कर प्रणाली को सरल बनाने और उद्योग को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन आईटीसी हटाने से होटल उद्योग पर नया खर्च बढ़ गया है, खासकर छोटे और मझोले शहरों में।
आईटीसी हटने से होटल वालों को किराया, बिजली-पानी, बाहरी कर्मचारियों का खर्च और पूंजीगत निवेश पर जो कर देना पड़ता है, वह वापस नहीं मिल पाता, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में नया निवेश प्रभावित होगा।
एफएचआरएआई ने सरकार से जल्द से जल्द आईटीसी को फिर से लागू करने और कर नियमों में स्पष्टता लाने के लिए परिपत्र जारी करने का अनुरोध किया है।
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय

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