‘अल्कोहलयुक्त पेय के निर्यात की काफी संभावनाएं; 2030 तक एक अरब डॉलर का होने का अनुमान’

‘अल्कोहलयुक्त पेय के निर्यात की काफी संभावनाएं; 2030 तक एक अरब डॉलर का होने का अनुमान’

‘अल्कोहलयुक्त पेय के निर्यात की काफी संभावनाएं; 2030 तक एक अरब डॉलर का होने का अनुमान’
Modified Date: April 23, 2025 / 08:27 pm IST
Published Date: April 23, 2025 8:27 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव ने बुधवार को कहा कि भारतीय मादक पेय पदार्थों के लिए वैश्विक बाजारों में काफी संभावनाएं मौजूद हैं और देश के पास दुनिया को देने के लिए जिन, बीयर, वाइन और रम सहित कई बेहतर उत्पाद हैं।

उन्होंने विश्वास जताया कि देश का मादक पेय पदार्थों का निर्यात, मौजूदा 37.05 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2030 तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

देव ने यहां भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (सीआईएबीसी) द्वारा आयोजित एल्कोबेव इंडिया में कहा, ‘‘निर्यात की अपार संभावनाएं हैं और हमारे पास कई अच्छे उत्पाद …विभिन्न प्रकार के जिन, बीयर, वाइन और रम हैं। इसमें काफी संभावनाएं हैं।’’

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देव ने उद्योग को सुझाव दिया कि वे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए बाजारों की तलाश करें और विशाल घरेलू बाजार से ही संतुष्ट न हो जायें।

एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) के चेयरमैन ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ जैविक उत्पादों के लिए आपसी मान्यता समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है, और जैविक वाइन उसमें शामिल है।

सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण सचिव सुब्रत गुप्ता ने उद्योग से मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने और फलों और सब्जियों की बर्बादी को रोकने का आग्रह किया।

भारत कई कृषि वस्तुओं का एक प्रमुख उत्पादक है, ‘‘लेकिन उन्हें प्रसंस्कृत करने की हमारी क्षमता के मामले में, हम उसी श्रेणी में नहीं हैं।’’

उन्होंने मादक पेय पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने के लिए भी कहा।

गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस उद्योग में बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि इससे (निर्यात) बहुमूल्य विदेशी मुद्रा आएगी।’’

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण


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