आईबीए का सरकार से सीबीजी संयंत्रों के लिए रियायती बिजली शुल्क का आग्रह

आईबीए का सरकार से सीबीजी संयंत्रों के लिए रियायती बिजली शुल्क का आग्रह

आईबीए का सरकार से सीबीजी संयंत्रों के लिए रियायती बिजली शुल्क का आग्रह
Modified Date: August 3, 2025 / 01:32 pm IST
Published Date: August 3, 2025 1:32 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) ने स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों के लिए रियायती बिजली शुल्क का आग्रह किया है।

आईबीए ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय को दिए गए एक व्यापक निवेदन में कहा गया कि बिजली की लागत एक महत्वपूर्ण परिचालन व्यय है, जो कुल परिचालन व्यय का औसतन 30 प्रतिशत है।

बयान के अनुसार, आईबीए ने सुझाव दिया है कि सरकार को सीबीजी संयंत्रों को रियायती बिजली दरें प्रदान करनी चाहिए, जो उच्च औद्योगिक बिजली शुल्क के कारण नुकसान में हैं, जो उनकी परिचालन लागत का 48 प्रतिशत है।

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एसोसिएशन के विस्तृत लागत अध्ययन से पता चलता है कि सात रुपये प्रति किलोवाट घंटे की औसत औद्योगिक दर पर, वाणिज्यिक स्तर के सीबीजी संयंत्रों की कुल परिचालन लागत में बिजली का हिस्सा काफी अधिक होता है, जैसे धान के भूसे पर आधारित संयंत्रों में 34 प्रतिशत, प्रेस मड आधारित संयंत्रों में 28 प्रतिशत, गोबर आधारित संयंत्रों में 19 प्रतिशत और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) आधारित संयंत्रों में यह 48 प्रतिशत तक होता है।

आईबीए के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा, “सीबीजी उद्योग सीओपी26 में घोषित भारत की पंचामृत प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सीबीजी संयंत्रों के लिए बिजली की लागत का बोझ कम करके, हम 2030 तक अपने 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ा सकते हैं और 2070 तक अपने शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


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