आईएलएंडएफएस के संशोधित बही-खाते से खुलासा, पांच साल में हुआ था 9,414 करोड़ रुपये घाटा
आईएलएंडएफएस के संशोधित बही-खाते से खुलासा, पांच साल में हुआ था 9,414 करोड़ रुपये घाटा
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) कर्ज में डूबी ढांचागत वित्त कंपनी आईएलएंडएफएस को वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर 2017-18 तक लगातार पांच वर्षों में कुल 9,414 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह जानकारी कंपनी के संशोधित बही-खाते से मिली है।
इन पांच वर्षों में कंपनी की कुल आय भी घटकर 5,786 करोड़ रुपये रह गई, जबकि पहले यह 8,562 करोड़ रुपये बताई गई थी। संशोधित वित्तीय परिणामों से यह पता चला है।
आईएलएंडएफएस के नए निदेशक मंडल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के निर्देशों के अनुरूप पुराने वित्तीय खातों को दोबारा खोलने और नए सिरे से तैयार करने का काम पूरा कर लिया है।
इस साल जून में एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने आईएलएंडएफएस समूह के नवनियुक्त बोर्ड को इसकी दो अन्य अनुषंगी कंपनियों- आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन और आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ संशोधित बही-खाते की दिशा में आगे मंजूरी दी थी।
संशोधित बही-खाते से पता चलता है कि कंपनी ने वास्तव में मार्च, 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में 7,530 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। हालांकि, पिछले प्रबंधन ने उस वित्त वर्ष में 584 करोड़ रुपये के लाभ की जानकारी दी थी।
वित्त वर्ष 2017-18 में 584 करोड़ रुपये के लाभ के आधार पर तत्कालीन बोर्ड ने लाभांश की भी घोषणा की थी।
इसी तरह इसने वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 713 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था, जबकि मूल रूप से 382 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया था।
आईएलएंडएफएस ने वित्त वर्ष 2014-15 और वित्त वर्ष 2015-16 में भी क्रमशः 305 करोड़ रुपये और 274 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया था। जबकि संशोधित बही-खाते के मुताबिक इन वित्त वर्षों में उसे क्रमशः 392 करोड़ रुपये और 789 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ था।
इसके पहले वित्त वर्ष 2013-14 में कंपनी ने लगभग 320 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ बताया था जबकि संशोधित बही-खाते में उस वित्त वर्ष में उसे सिर्फ 9.7 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया है।
एनसीएलटी ने एक जनवरी, 2019 को समूह की तीन कंपनियों- आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन, आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज और आईएलएंडएफएस इंजीनियरिंग के वित्तीय खातों को दोबारा खोलने और नए सिरे से तैयार करने की अनुमति देते हुए एक आदेश पारित किया था।
यह आदेश केंद्र सरकार की अर्जी पर दिया गया था। सरकार ने कर्ज में डूबी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) के बोर्ड को निलंबित करने के साथ ही एक छह-सदस्यीय पैनल नियुक्त किया था।
इस समय आईएलएंडएफएस अपने 90,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को परिसंपत्ति समाधान के माध्यम से निपटाने की प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी ने 30 सितंबर, 2023 तक कुल 35,650 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय

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