आईएमएफ दल श्रीलंका आएगा, ऋण समझौते पर श्रीलंका की नई सरकार के साथ करेगा चर्चा

आईएमएफ दल श्रीलंका आएगा, ऋण समझौते पर श्रीलंका की नई सरकार के साथ करेगा चर्चा

आईएमएफ दल श्रीलंका आएगा, ऋण समझौते पर श्रीलंका की नई सरकार के साथ करेगा चर्चा
Modified Date: October 1, 2024 / 11:59 am IST
Published Date: October 1, 2024 11:59 am IST

कोलंबो, एक अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का उच्च स्तरीय दल बुधवार को श्रीलंका पहुंचेगा और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके नीत सरकार के साथ नवीनतम आर्थिक सुधारों पर चर्चा करेगा।

आईएमएफ ने 24 सितंबर को कहा था कि वह श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके नीत नई सरकार के साथ बातचीत शुरू करेगा। साथ ही वह 48 महीने के कर्ज के तहत जारी आर्थिक सुधारों की तीसरी समीक्षा के समय पर चर्चा करेगा।

पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नीत सरकार जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के समय 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर की तीसरी किस्त जारी करने के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही थी। तीसरी समीक्षा के बाद करीब 36 करोड़ अमरीकी डॉलर के वितरण की उम्मीद थी, जिसे आईएमएफ ने चुनाव के अंत तक रोक दिया था।

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प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘ एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन नीत एक उच्च स्तरीय दल दो से चार अक्टूबर को कोलंबो की यात्रा करेगा, जहां वह राष्ट्रपति दिसानायके और नए आर्थिक दल से मुलाकात करेगा। साथ ही आईएमएफ द्वारा समर्थित श्रीलंका के आर्थिक कार्यक्रम के तहत नवीनतम आर्थिक वृद्धि तथा आर्थिक सुधारों पर चर्चा करेगा।’’

श्रीलंका में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार के 21 सितंबर को निर्वाचित होने के बाद आईएमएफ के साथ उनकी यह पहली बातचीत होगी।

यह बैठक 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा की चौथी किस्त जारी करने के मुद्दे के लिए महत्वपूर्ण होगी। चुनाव के कारण तीसरी समीक्षा और चौथी किस्त को जारी करने से रोक दिया गया था।

इससे पहले तीसरी समीक्षा पूरी होने के बाद चौथी किस्त इस साल दिसंबर में जारी करने की योजना थी।

आईएमएफ के दौरे से पहले सोमवार को सरकारी नीति निर्माताओं ने कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी श्रीलंकन ​​एयरलाइंस के पुनर्गठन की योजना को टाल दिया गया है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।

घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों के संबंध में आईएमएफ की ‘गवर्नेंस डायग्नोस्टिक रिपोर्ट’ में विमानन कंपनी के पुनर्गठन का मुद्दा भी शामिल था।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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