रियल एस्टेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से पारदर्शिता आएगी, दीवानी मामले घटेंगेः प्रवेश वर्मा

रियल एस्टेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से पारदर्शिता आएगी, दीवानी मामले घटेंगेः प्रवेश वर्मा

रियल एस्टेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से पारदर्शिता आएगी, दीवानी मामले घटेंगेः प्रवेश वर्मा
Modified Date: June 27, 2025 / 07:54 pm IST
Published Date: June 27, 2025 7:54 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को रियल एस्टेट क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्तियों से संबंधित दीवानी मामलों में कमी आएगी।

वर्मा ने रियल एस्टेट निकाय नारेडको की महिला इकाई ‘माही’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में रियल एस्टेट बाजार में झूठ, गलत बिक्री और धोखाधड़ी के मामलों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘अधिकांश दीवानी मामले रियल एस्टेट से संबंधित हैं। अगर महिलाएं रियल एस्टेट में आएंगी तो मुझे लगता है कि इन मामलों में कमी आएगी।’

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मंत्री ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से रियल एस्टेट क्षेत्र में झूठ और गलत बिक्री में भी कमी आएगी।

उन्होंने यमुना रिवरफ्रंट सहित राष्ट्रीय राजधानी के सौंदर्यीकरण के लिए उद्योग से भी सहयोग मांगा।

इस सम्मेलन में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों की अतिरिक्त सचिव डी थारा ने बिल्डरों से आवासीय सोसाइटियों के एकीकृत बुनियादी ढांचे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

उन्होंने जल संरक्षण के महत्व और आवासीय परिसरों में हरित स्थल के विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने डेवलपरों को आवास परिसरों में हरित उपायों और जल उपलब्धता की सूचना से लैस दस्तावेज सौंपने की नसीहत भी दी।

इस दौरान नारेडको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि कौशल विकास महिलाओं के नेतृत्व वाले रियल एस्टेट क्षेत्र की दिशा में महत्वपूर्ण धुरी होगी।

हीरानंदानी ने कहा, ‘रियल एस्टेट भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। इसमें कुशल श्रमिकों की कमी को कुशल महिलाओं से भरा जाए तो न केवल रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आर्थिक वृद्धि भी तेज होगी।’

नारेडको माही की अध्यक्ष स्मिता पाटिल ने कहा, “… हम क्षेत्र में महिलाओं का समर्थन करने, युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ मिलकर एक मजबूत शहरी भारत के निर्माण में सहयोग देने के लिए सेतु की तरह काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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