भारत ने जलीय पशुओं की बीमारी निगरानी के लिए बहु-अंशधारक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया

भारत ने जलीय पशुओं की बीमारी निगरानी के लिए बहु-अंशधारक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया

भारत ने जलीय पशुओं की बीमारी निगरानी के लिए बहु-अंशधारक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया
Modified Date: February 13, 2025 / 09:26 pm IST
Published Date: February 13, 2025 9:26 pm IST

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) दुनिया के तीसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक देश – भारत ने बृहस्पतिवार को नैदानिक ​​और चिकित्सीय उपायों में सुधार के अलावा जलीय पशुओं की बीमारी निगरानी को मजबूत करने के लिए बहु-अंशधारक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

यहां 14वें एशियाई मत्स्य पालन और जलीय कृषि मंच की बैठक के हिस्से के रूप में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि सरकारी एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग जगत के कारोबारियों को जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाने के लिए भी मिलकर काम करना चाहिए।

एक सरकारी बयान में कहा गया कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में खाद्य सुरक्षा, आजीविका और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ जलीय कृषि प्रथाएं महत्वपूर्ण हैं।

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मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के तहत किए गए प्रयासों को स्वीकार किया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) जे के जेना ने मजबूत जैव सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर बल दिया।

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के मुख्य कार्यकारी बी के बेहरा ने व्यवस्थित रोग निगरानी, ​​प्रारंभिक पहचान और प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए भारत में मछली रोग निगरानी कार्यक्रमों को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय


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