दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत : आईएमएफ

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत : आईएमएफ

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत : आईएमएफ
Modified Date: October 23, 2024 / 11:51 am IST
Published Date: October 23, 2024 11:51 am IST

(तस्वीर के साथ)

(ललित के.झा)

वाशिंगटन, 23 अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है और देश की वृहद आर्थिक बुनियाद अच्छी है।

 ⁠

आईएमएफ में एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। हम वित्त वर्ष 2024-25 में सात प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाते हैं, जिसे ग्रामीण खपत में सुधार से समर्थन मिलेगा क्योंकि फसलें अनुकूल रही हैं। खाद्य कीमतों के सामान्य होने से कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।’’

अन्य बुनियादी बातों के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव के बावजूद राजकोषीय समेकन पटरी पर है। ‘रिजर्व’ की स्थिति काफी अच्छी है। भारत के लिए सामान्य तौर पर वृहद बुनियादी बातें अच्छी हैं।’’

उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव के बाद देश की सुधार संबंधी प्राथमिकताएं तीन क्षेत्रों में होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ पहली तो यह कि भारत में रोजगार सृजन को लेकर कई सवाल खड़े हैं। इस संदर्भ में मुझे लगता है कि 2019-20 में स्वीकृत श्रम संहिताओं को लागू करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए श्रम बाजारों को मजबूत बनाने का मौका देगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दूसरी बात यह है कि यदि आप प्रतिस्पर्धी बनना चाहते हैं, तो आपको कुछ व्यापार पाबंदियों को हटाना होगा… क्योंकि जब आप व्यापार को उदार बनाते हैं, तो आप उत्पादक कंपनियों को जीवित रहने की अनुमति देते हैं। वहां अधिक प्रतिस्पर्धा है और यह नौकरियां सृजन कर सकता है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि अधिक व्यापार पाबंदियां हटाई जाएं।’’

श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘ और अंतत: मैं कहूंगा कि सुधारों को जारी रखें… बुनियादी ढांचे को मजबूत करें, चाहे वह भौतिक बुनियादी ढांचा हो या डिजिटल बुनियादी ढांचा। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह इसी के साथ जारी रहेगा। हालांकि मैं कहूंगा कि इससे आगे बढ़कर आपको कृषि तथा भूमि सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आपको शिक्षा और कौशल को मजबूत करने के बारे में सोचना होगा।’’

कार्यबल के कौशल में निवेश की आवश्यकता पर बल देते हुए श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘ एक ऐसी अर्थव्यवस्था… जो सेवा क्षेत्र में काफी अधिक नौकरियों का सृजन कर सकती है, सही कौशल होना महत्वपूर्ण है। इसलिए, शिक्षा में निवेश करना, श्रम बलों को कुशल बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।’’

श्रीनिवासन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना एक और सुधार है। अंत में, मैं कहूंगा कि लोगों से बात करने पर आपको अब भी बहुत सारी लालफीताशाही वगैरह देखने को मिलेगी। कारोबारी माहौल में सुधार करना महत्वपूर्ण पहलू होगा। ये कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें मैं प्राथमिकता दूंगा।’’

उन्होंने देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी तथा युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी पर भी चिंता व्यक्त की।

एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक ने कहा, ‘‘ इस संदर्भ में कई आंकड़े मौजूद हैं, लेकिन हम सभी इस बात पर सहमत होंगे कि श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी कम है और युवाओं में बेरोजगारी काफी अधिक है। इसलिए रोजगार सृजन के लिए माहौल को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


लेखक के बारे में