भारत ने सस्ते तेल से रणनीतिक भंडारों को भरकर 5,000 करोड़ रुपये की बचत की: धर्मेंद्र प्रधान

भारत ने सस्ते तेल से रणनीतिक भंडारों को भरकर 5,000 करोड़ रुपये की बचत की: धर्मेंद्र प्रधान

भारत ने सस्ते तेल से रणनीतिक भंडारों को भरकर 5,000 करोड़ रुपये की बचत की: धर्मेंद्र प्रधान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: September 21, 2020 1:47 pm IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) कच्चे तेल कीमतों के दो दशक के निम्न स्तर पर पहुंचने के दौरान अप्रैल-मई में कच्चे तेल की खरीद कर तीन रणनीतिक कच्चे तेल भंडारों को भर कर सरकार ने करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत की है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है जिसने अपनी किसी भी आकस्मिकता को पूरा करने के लिए तीन स्थानों पर कच्चे तेल के भूमिगत रणनीतिक भंडारण तैयार किये हैं।

प्रधान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा उठाते हुए, भारत ने अप्रैल-मई, 2020 में एक करोड़ 67 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद करते हुये विशाखापत्तनम, मैंगलोर, और पाडुर में बनाए गए तीन रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारों को भरा।’’

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इस साल जनवरी में कच्चे तेल का दाम 60 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में अप्रैल- मई के दौरान खरीदे गये कच्चे तेल की औसत लागत 19 डॉलर प्रति बैरल रही।

उन्होंने कहा कि इससे 68 करोड़ 51.1 लाख डॉलर यानी 5,069 करोड़ रुपये की बचत हुई।

उल्लेखनीय है कि दुनिया में कोरोना वायरस महामारी के दौरान कच्चे तेल की मांग में गिरावट आने से इसके दाम नीचे आ गये थे।

भाषा राजेश राजेश महाबीर

महाबीर


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