भारत ने लौह मिश्र धातु पर यूरोपीय संघ के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में परामर्श की मांग की

भारत ने लौह मिश्र धातु पर यूरोपीय संघ के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में परामर्श की मांग की

भारत ने लौह मिश्र धातु पर यूरोपीय संघ के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में परामर्श की मांग की
Modified Date: December 16, 2025 / 04:27 pm IST
Published Date: December 16, 2025 4:27 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) भारत ने लौह एवं इस्पात उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ लौह मिश्रधातु पर आयात कोटा लगाने के यूरोपीय संघ के फैसले को लेकर विश्व व्यापार संगठन में परामर्श की मांग की है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में परामर्श प्रक्रिया व्यापार विवाद सुलझाने का शुरुआती कुटनीतिक चरण है।

डब्ल्यूटीओ ने बताया कि इन तत्वों के निर्यात में भारत की प्रमुख व्यापारिक रुचि है और वह संरक्षण समझौते के तहत ईयू के साथ परामर्श चाहता है।

 ⁠

संरक्षण उपायों के तहत एक निश्चित कोटा से अधिक आयात पर शुल्क लगाए जाने के कारण भारत से ईयू को इन वस्तुओं के निर्यात पर असर पड़ेगा। ये उपाय तीन वर्षों तक लागू रहेंगे।

डब्ल्यूटीओ ने कहा, ”संबंधित उत्पादों के निर्यात में पर्याप्त व्यापारिक रुचि रखने वाले सदस्य के रूप में भारत संरक्षण उपायों पर समझौते के अनुच्छेद 12.3 के तहत यूरोपीय संघ के साथ परामर्श का अनुरोध करता है। इससे दी गई जानकारी की समीक्षा और इन उपायों के प्रभावों पर विचार-विमर्श किया जा सकेगा।”

इसके मुताबिक, ”भारत प्रस्ताव करता है कि उपर्युक्त परामर्श 16 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 के बीच किसी भी दिन या आपसी सहमति से तय किसी सुविधाजनक तारीख और समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किया जा सकता है।”

पिछले महीने यूरोपीय संघ ने उत्पाद प्रकार के अनुसार विशिष्ट टीआरक्यू (शुल्क दर कोटा) के रूप में एक संरक्षण उपाय का प्रस्ताव किया था, जिसके तहत आयात की एक निश्चित मात्रा को शुल्क-मुक्त प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और कोटा सीमा से अधिक आयात पर शुल्क बढ़ाया जाएगा।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


लेखक के बारे में