चीन, अमेरिका के साथ समान शर्तों पर जुड़े भारत: जीटारआरआई |

चीन, अमेरिका के साथ समान शर्तों पर जुड़े भारत: जीटारआरआई

चीन, अमेरिका के साथ समान शर्तों पर जुड़े भारत: जीटारआरआई

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Modified Date: April 21, 2025 / 04:58 PM IST
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Published Date: April 21, 2025 4:58 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सोमवार को कहा कि भारत को चीन और अमेरिका के साथ समान शर्तों पर जुड़ना चाहिए और यह जुड़ाव बाहरी दबाव के बजाय उसकी रणनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक हित और वैश्विक व्यापार सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन ने आगाह किया है कि वह उन देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा जो चीनी हितों की कीमत पर अमेरिका के साथ व्यापार समझौते करते हैं। जीटीआरई ने यह बात इसी संदर्भ में कही है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा कि चीन को अलग-थलग करने के अमेरिकी प्रयासों के साथ जुड़ने वाले देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चीन की चेतावनी को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की वास्तविकताओं के हिसाब से देखा जाना चाहिए।

अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण कोरिया और भारत सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं औद्योगिक और उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर हैं।

साथ ही, चीन वैश्विक उत्पादन के हर स्तर… तैयार माल, मध्यवर्ती उत्पाद और कलपुर्जे और उपकरण… पर मजबूत स्थिति में है।

चीन को पूरी तरह से इस स्थान से हटाने के लिए कच्चे माल के स्तर से लेकर विनिर्मित वस्तुओं के स्तर पर क्षमता निर्माण करने की आवश्यकता है। यह ऐसा प्रयास है, जिसे अभी तक कोई भी देश बड़े पैमाने पर हासिल नहीं कर पाया है।

जीटीआरआई ने कहा कि भारत को स्वतंत्र मार्ग अपनाना चाहिए, अपने घरेलू विनिर्माण आधार को मजबूत करना चाहिए तथा गहन विनिर्माण में लक्षित निवेश के माध्यम से महत्वपूर्ण आयात निर्भरता को कम करना चाहिए।

साथ ही, भारत को विश्व व्यापार संगठन के नेतृत्व वाले बहुपक्षीय व्यापार मानदंडों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए और ऐसे कार्यों से बचना चाहिए जो वैश्विक नियमों का उल्लंघन करने का जोखिम रखते हैं।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत को दो देशों की भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में नहीं फंसना चाहिए। इसके बजाय, इसे चीन और अमेरिका दोनों के साथ समान शर्तों पर जुड़ना चाहिए, जो रणनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक हित और वैश्विक व्यापार सिद्धांतों से निर्देशित हो, न कि बाहरी दबाव से।’’

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)