भारत अगले महीने पाकिस्तान को विश्व बैंक से मिलने वाली राशि का विरोध करेगा

भारत अगले महीने पाकिस्तान को विश्व बैंक से मिलने वाली राशि का विरोध करेगा

भारत अगले महीने पाकिस्तान को विश्व बैंक से मिलने वाली राशि का विरोध करेगा
Modified Date: May 23, 2025 / 06:52 pm IST
Published Date: May 23, 2025 6:52 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) भारत अगले महीने पाकिस्तान को विश्व बैंक से मिलने वाले वित्त पोषण का विरोध करेगा। एक सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी।

इससे पहले भारत ने पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले धन का यह कहते हुए विरोध किया था कि इस्लामाबाद ने अतीत में ऐसे धन का इस्तेमाल हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए किया था।

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सूत्र ने कहा कि विकासशील देशों को बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा दिया जाने वाला धन गरीबी उन्मूलन और विकास लक्ष्यों के लिए है, लेकिन पाकिस्तान इसका दुरुपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए कर रहा है।

देश भागीदारी ढांचे के तहत विश्व बैंक पाकिस्तान को दिए जाने वाले 20 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण की समीक्षा अगले महीने कर सकता है। इस पर जनवरी में सहमति बनी थी।

नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को दस वर्षों की अवधि के लिए स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए यह धनराशि दी जानी है।

सूत्र ने कहा, ”हम पाकिस्तान को दिए जाने वाले विश्व बैंक के आगामी धन का विरोध करेंगे।”

भारत ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का विरोध किया था। इस वित्त पोषण को रोका नहीं जा सका, क्योंकि एजेंडा पहले ही सभी सदस्यों को दिया जा चुका था। हालांकि, भारत के प्रयासों के कारण आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 सख्त शर्तें लगाईं।

सूत्र ने कहा, ”विकास के लिए किसी भी देश को धन मिले, भारत इसके खिलाफ नहीं है। लेकिन आईएमएफ से ऐसे वक्त में धन मिलना सही नहीं था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव था और युद्ध की स्थिति थी। साथ ही, पाकिस्तान का इतिहास लोगों के लिए नहीं, बल्कि हथियार खरीदने के लिए खर्च करने का रहा है।”

सार्वजनिक आंकड़ों को देखा जाए तो पाकिस्तान अपने आम बजट का औसतन लगभग 18 प्रतिशत ‘रक्षा मामलों और सेवाओं’ पर खर्च करता है, जबकि संघर्ष-प्रभावित देश भी औसतन इससे कहीं कम (अपने आम बजट का 10-14 प्रतिशत) खर्च करते हैं।’’

इतना ही नहीं, 1980 से 2023 तक पाकिस्तान के हथियारों के आयात में नाटकीय रूप से औसतन 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। हथियारों के आयात में वृद्धि उन वर्षों में हुई जब उसे आईएमएफ से धन मिला है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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