दावोस, 24 मई (भाषा) एक नए वैश्विक अध्ययन में यह बताया गया कि भारतीय कंपनियां घरेलू आबादी में सबसे भरोसेमंद बनकर उभरी हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन, तीसरे पर कनाडा, फिर अमेरिका और पांचवें पायदान पर ब्रिटेन आता है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के मौके पर जारी एडेलमैन के ट्रस्ट बैरोमीटर की विशेष रिपोर्ट: द जियोपॉलिटिकल बिजनेस (भू-राजनीतिक व्यवसाय) के अनुसार अब व्यापार में विश्वास के लिए भू-राजनीति महत्वपूर्ण हो गई है।
रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के बाद रूस से कंपनियों ने बाहर निकलने की एक मिसाल कायम की है। अध्ययन में, 10 में से छह उत्तरदाताओं का कहना है कि भू-राजनीति एक व्यावसायिक प्राथमिकता है।
अध्ययन के मुताबिक, ऐसे समय में जब दुनिया के सामने भू-राजनीतिक संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु खतरों और सामाजिक असमानताओं की चुनौती हैं, तो कंपनियों पर भी रूसी आक्रमण का जवाब देने के लिए दबाव है।
अध्ययन में लगभग आधे उत्तरदाताओं यानी 47 प्रतिशत ने यूक्रेन पर आक्रमण के प्रति मूल कंपनी की प्रतिक्रिया के आधार पर ब्रांडों को खरीदा या उनका बहिष्कार किया है। इसके अलावा कंपनियों के कर्मचारियों ने बताया कि वे मानते हैं कि अगर उनके नियोक्ता यूक्रेन के आक्रमण के जवाब में अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो वे उनके प्रति भी ज्यादा वफादार होंगे।
कंपनियों पर घरेलू भरोसे के मामले में भारत का नाम सूची में 89 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद 82 प्रतिशत के साथ चीन का स्थान है।
भाषा रिया पाण्डेय
पाण्डेय
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