भारत, ब्रिटेन पेशेवरों की आसान आवाजाही के लिए समझौतों पर बात करेंगे: अधिकारी
भारत, ब्रिटेन पेशेवरों की आसान आवाजाही के लिए समझौतों पर बात करेंगे: अधिकारी
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) भारत और ब्रिटेन व्यापार समझौते के बाद पेशेवरों की आवाजाही को सुगम बनाने को लेकर आपसी मान्यता समझौतों (एमआरए) पर बातचीत करने पर सहमत हुए हैं।
एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ये समझौते नर्सों, लेखाकारों और वास्तुकारों जैसे पेशेवरों की ब्रिटेन में आवाजाही को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए गए और इसको लागू करने में लगभग एक साल लग सकता है। इसके लिए ब्रिटिश संसद की मंजूरी लेनी होगी।
वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ”इस बात पर सहमति हुई है कि दोनों देश योग्यताओं की आपसी मान्यता पर बातचीत करेंगे, क्योंकि कुछ पेशेवर सेवाओं जैसे नर्सों, वास्तुकारों, लेखाकारों और दंत चिकित्सकों में योग्यताओं की मान्यता जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि भारत तीन साल के भीतर ब्रिटेन के साथ आपसी मान्यता समझौते करने की कोशिश करेगा।
पेशेवर सेवाओं में एमआरए संबंधित देशों के सक्षम अधिकारियों के बीच स्वैच्छिक समझौते हैं। ये अन्य देशों के अधिकार क्षेत्र में मिले कुछ लाइसेंसिंग या योग्यता आवश्यकताओं को अपने यहां मान्यता देते हैं।
इन आवश्यकताओं में शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रमाणन, मान्यता और पेशेवर अनुभव से संबंधित आवश्यकताएं शामिल हैं।
व्यापार समझौते के तहत, ब्रिटेन ने विभिन्न श्रेणियों के भारतीय पेशेवरों के लिए एक सुनिश्चित गतिशीलता व्यवस्था भी की है।
अधिकारी ने कहा कि आईटी क्षेत्र में, लगभग 60,000 भारतीय अंतर-कॉरपोरेट स्थानांतरित व्यक्ति के रूप में ब्रिटेन में काम कर रहे हैं और ”इसके लिए ब्रिटेन ने प्रतिबद्धता जताई है कि न केवल श्रमिकों को, बल्कि उनके सहयोगियों और आश्रितों को भी तीन साल का वीजा दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि श्रमिकों पर कोई संख्यात्मक प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
भारत ने बदले में कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे पेशेवर, वित्तीय (जैसे बीमा), पर्यावरण और अन्य सेवाओं में बाजार पहुंच दी है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण

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