भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, रुपये ने अपनी स्थिरता बनाए रखीः सीतारमण

भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, रुपये ने अपनी स्थिरता बनाए रखीः सीतारमण

भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, रुपये ने अपनी स्थिरता बनाए रखीः सीतारमण
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: October 16, 2022 2:39 pm IST

वाशिंगटन, 16 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा जा सकता है।

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सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद अच्छी है, व्यापक आर्थिक बुनियाद भी अच्छी है। विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है। मैं बार-बार कह रही हूं कि मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है।’’ उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि मुद्रास्फीति छह फीसदी से नीचे आ जाए, इसके लिए सरकार भी प्रयास कर रही है।

सीतारमण ने दहाई अंक की मुद्रास्फीति वाले तुर्किये जैसे कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरे देश बाहरी कारकों से बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बाकी की दुनिया की तुलना में अपनी स्थिति को लेकर हमें सजग रहना होगा। मैं वित्तीय घाटे को लेकर पूरी तरह से सतर्क हूं।’’

रुपये की फिसलन से जुड़े एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि डॉलर की मजबूती की वजह से ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत होते डॉलर के सामने अन्य मुद्राओं का प्रदर्शन भी खराब रहा है लेकिन मेरा खयाल है कि अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया ने बेहतर प्रदर्शन किया है।’’

वित्त मंत्री ने बढ़ते व्यापार घाटे के मुद्दे पर कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम निर्यात की तुलना में ज्यादा आयात कर रहे हैं। हम यह भी देख रहे हैं कि यह अनुपातहीन वृद्धि क्या किसी एक देश के मामले में हो रही है।’’ उनका इशारा असल में चीन के लिहाज से व्यापार घाटा बढ़कर 87 अरब डॉलर होने की ओर था।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2021-22 में बढ़ गया था और यह अंतर 2022-23 में भी बढ़ना जारी रहा। 2021-22 में व्यापार घाटा 72.9 अरब डॉलर था जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 29 अरब अधिक है। 2020-21 में व्यापार घाटा 48.6 अरब डॉलर था।

भाषा मानसी प्रेम

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