तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ी अर्थव्यवस्था, समूचे वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान |

तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ी अर्थव्यवस्था, समूचे वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान

तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ी अर्थव्यवस्था, समूचे वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान

:   Modified Date:  February 29, 2024 / 07:55 PM IST, Published Date : February 29, 2024/7:55 pm IST

नयी दिल्ली, 29 फरवरी (भाषा) देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में तेजी से बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गई जिसमें विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन की अहम भूमिका रही है।

आर्थिक वृद्धि का यह अनुमान पूर्व में जताये गये विभिन्न अनुमानों से कहीं अधिक है। आरबीआई ने तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष के लिए सात प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी। वहीं एसबीआई रिसर्च ने आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में 6.7 से 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3 प्रतिशत रही थी।

जीडीपी वृद्धि एक निश्चित अवधि में वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य में वृद्धि को दर्शाती है।

इसके साथ ही एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश की वृद्धि दर के बढ़कर 7.6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है। इस साल जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को भी संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया है। पहले इसके 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल मूल्य-वर्धन (जीवीए) के हिसाब से विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

वहीं आलोच्य अवधि में खनन और उत्खनन में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी।

निर्माण क्षेत्र ने अपनी वृद्धि दर को एक साल पहले की तरह 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

हालांकि समीक्षाधीन अवधि में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत बढ़ा था।

एनएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा क्षेत्र में एक साल पहले के 8.7 प्रतिशत के मुकाबले नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

हालांकि सेवा क्षेत्र यानी व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाओं में जीवीए वृद्धि तीसरी तिमाही के दौरान 6.7 प्रतिशत रही जबकि साल भर पहले यह 9.2 प्रतिशत बढ़ी थी।

इसी तरह वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर भी बीती तिमाही में सात प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.7 प्रतिशत रही थी।

सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 3.5 प्रतिशत के मुकाबले 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

इसके साथ ही एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया। इसमें समूचे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया जो पहले 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

एनएसओ ने बयान में कहा, “वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमतों पर जीडीपी वर्ष 2023-24 में 172.90 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है जबकि वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 160.71 लाख करोड़ रुपये था।’

वहीं 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 293.90 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के 269.50 लाख करोड़ रुपये से 9.1 प्रतिशत अधिक है।

एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में स्थिर कीमतों पर जीडीपी का आकार 43.72 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो अक्टूबर-दिसंबर, 2022 की 40.35 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के मुकाबले 8.4 प्रतिशत अधिक है।

वहीं मौजूदा कीमतों पर जीडीपी के दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत बढ़कर 75.49 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह 68.58 लाख करोड़ रुपये थी।

एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2022-23) के लिए जीडीपी वृद्धि दर को पहले के अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। वित्त वर्ष 2021-22 में 150.22 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के मुकाबले वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी 160.71 लाख करोड़ रुपये रही जो तुलनात्मक रूप से सात प्रतिशत अधिक है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 और 2022-23 में देश की प्रति व्यक्ति आय क्रमशः 1,50,906 रुपये और 1,69,496 रुपये रहने का अनुमान है।

इसके साथ ही एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष की पहली एवं दूसरी तिमाही के लिए भी जीडीपी अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। पिछला अनुमान पहली तिमाही के लिए 7.8 प्रतिशत और दूसरी तिमाही के लिए 7.6 प्रतिशत का था।

इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.3 प्रतिशत बढ़ी थी।

भाषा प्रेम रमण

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)