भारत से ब्रिटेन को इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 2030 तक 7.5 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान

भारत से ब्रिटेन को इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 2030 तक 7.5 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान

भारत से ब्रिटेन को इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 2030 तक 7.5 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान
Modified Date: July 24, 2025 / 04:48 pm IST
Published Date: July 24, 2025 4:48 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारत और ब्रिटेन के बीच बृहस्पतिवार को संपन्न मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में इंजीनियरिंग वस्तुओं पर सीमा शुल्क को 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है, जिससे इनका निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।

 ⁠

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस एफटीए के तहत शुल्क को समाप्त करने के साथ ब्रिटेन को इंजीनियरिंग उपकरणों का निर्यात अगले पांच वर्ष में लगभग दोगुना हो सकता है, जो 2029-30 तक 7.5 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा।

ब्रिटेन, भारत का छठा सबसे बड़ा इंजीनियरिंग निर्यात बाजार है। ब्रिटेन के साथ व्यापार में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सालाना आधार पर 11.7 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई।

सूचीबद्ध क्षेत्रों में इंजीनियरिंग उत्पाद क्षेत्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक है जिसमें 1,659 शुल्क श्रेणियां हैं जो कुल श्रेणियों का 17 प्रतिशत है।

भारत का वैश्विक इंजीनियरिंग निर्यात 77.79 अरब डॉलर है, जबकि ब्रिटेन 193.52 अरब डॉलर मूल्य के ऐसे उत्पादों का आयात करता है। फिर भी भारत से उसका आयात सिर्फ 4.28 अरब अमेरिकी डॉलर ही है। इससे विस्तार की मजबूत संभावनाओं का पता चलता है।

इलेक्ट्रिक मशीनरी, मोटर वाहन कलपुर्जा, औद्योगिक उपकरण एवं निर्माण मशीनरी जैसे प्रमुख इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 12-20 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है।

अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों में व्यापार के लिए परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के बाजार तक आसान पहुंच देकर यह समझौता अनुपालन लागत और सामान के बाजार में आने के समय को कम करता है जिससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को लंदन में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम


लेखक के बारे में