देश के चर्चित ‘इंफ्लूएंसर’ वाणिज्यिक गठजोड़ का नहीं कर रहे खुलासा: एएससीआई
देश के चर्चित ‘इंफ्लूएंसर’ वाणिज्यिक गठजोड़ का नहीं कर रहे खुलासा: एएससीआई
मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल मंचों पर चर्चित 76 प्रतिशत ‘इंफ्लूएंसर’ प्रायोजित सामग्री की वकालत करते समय वाणिज्यिक गठजोड़ का खुलासा नहीं कर रहे और मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए हैं।
स्व-नियामक निकाय ने कहा कि डिजिटल मंच ने अप्रैल-सितंबर, 2025 की अवधि के दौरान नियमों के उल्लंघन करने वाले 97 प्रतिशत विज्ञापनों की सूचना दी। इसमें जिसमें मेटा का योगदान लगभग 79 प्रतिशत और गूगल का योगदान पांच प्रतिशत से कम था।
छमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि फोर्ब्स सूची के अनुसार, भारत के 76 प्रतिशत शीर्ष डिजिटल सितारे एएससीआई और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा आवश्यक खुलासा मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए।
इसमें आगे कहा गया, ‘‘यह प्रभावशाली विज्ञापनों में प्रमाणिकता और ईमानदारी के लिए एक खराब मानक स्थापित करता है।’’
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विदेशी या अवैध सट्टेबाजी, व्यक्तिगत देखभाल, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य और शिक्षा एएससीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले शीर्ष क्षेत्र बनकर उभरे हैं।
स्व-नियामक संगठन ने 6,841 शिकायतों की समीक्षा की और 6,117 विज्ञापनों की जांच की और बताया कि इनमें से 98 प्रतिशत में संशोधन की आवश्यकता थी।
इसके अलावा, संस्था ने कहा कि पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में शिकायतों में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह मुख्य रूप से गहन निगरानी, उपभोक्ता सतर्कता और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे नियामकों के साथ सहयोग के कारण हुआ।
बयान में कहा गया है कि क्षेत्रीय दृष्टिकोण से उल्लंघनों में सबसे बड़ा योगदान सट्टेबाजी का रहा, जहां 4,500 से अधिक विज्ञापनों को चिह्नित किया गया।
भाषा रमण अजय
अजय

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