भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में दो साल से अधिक समय में सबसे धीमी रही: पीएमआई

भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में दो साल से अधिक समय में सबसे धीमी रही: पीएमआई

भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में दो साल से अधिक समय में सबसे धीमी रही: पीएमआई
Modified Date: February 5, 2025 / 11:41 am IST
Published Date: February 5, 2025 11:41 am IST

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर बिक्री व उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच जनवरी में दो वर्षों में सबसे धीमी गति से बढ़ी। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।

मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक दिसंबर के 59.3 से घटकर जनवरी में 56.5 पर आ गया, जो नवंबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है।

क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।

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एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत के सेवा क्षेत्र ने जनवरी में वृद्धि की गति खो दी, हालांकि पीएमआई 50 के स्तर से काफी ऊपर रहा। व्यावसायिक गतिविधि और नए व्यवसाय पीएमआई सूचकांक क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।’’’

कुल नए ऑर्डर के रुझान के विपरीत, अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के ग्राहकों से लाभ का उल्लेख किया। विस्तार की कुल दर पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

भंडारी ने कहा, ‘‘ … नए निर्यात कारोबार में आंशिक रूप से गिरावट रही, हालांकि 2024 के अंत में गिरावट से उबरना जारी रखा…’’

सर्वेक्षण में कहा गया कि नए व्यवसाय में निरंतर सुधार और बढ़ती क्षमता दबाव ने सेवा प्रदाताओं को पिछली वित्तीय तिमाही के प्रारंभ में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए प्रेरित किया। पूर्णकालिक तथा अंशकालिक पदों पर नियुक्तियां की गईं। दिसंबर से रोजगार सृजन की दर में तेजी आई और यह दिसंबर 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी।

मूल्य के मोर्चे पर, सेवा कंपनियों ने अपने खर्चों में एक और उछाल देखा, जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की बढ़ती लागत के साथ खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें भी रहीं। बढ़ती लागत के बोझ व मांग के लचीलेपन के परिणामस्वरूप 2025 की शुरुआत में भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए लगाए गए मूल्य और भी बढ़ गए।

इस बीच, भारत की निजी क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में कुछ धीमी हुई।

एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक दिसंबर के 59.2 से गिरकर 14 महीने के निचले स्तर 57.7 पर आ गया।

समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है।

एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

भाषा निहारिका

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