रसायन-उर्वरक मंत्रालय के संस्थान ने विकसित किया कीटाणुनाशक स्प्रे

रसायन-उर्वरक मंत्रालय के संस्थान ने विकसित किया कीटाणुनाशक स्प्रे

रसायन-उर्वरक मंत्रालय के संस्थान ने विकसित किया कीटाणुनाशक स्प्रे
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: September 12, 2020 3:36 pm IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संस्थान आईपीएफटी ने सब्जियों और फलों को सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त करने के लिए नया “कीटाणुनाशक स्प्रे” विकसित किया है। यह जानकारी मंत्रालय की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी गयी है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी के समय में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन व पेट्रोरसायन विभाग के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संस्थान कीटनाशक सूत्रीकरण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईपीएफटी) ने सतह और फल एवं सब्जियों को कीटाणुमुक्त करने के लिए दो नए कीटाणुनाशक स्प्रे सफलतापूर्वक विकसित किए हैं।’’

बयान में कहा गया है कि दरवाजों के हैंडल, कुर्सियों पर हाथ रखने वाले स्थान, कंप्यूटर के साथ इस्तेमाल होने वाले की-बोर्ड और माउस इत्यादि से सूक्ष्म विषाणु और जीवाणु के संक्रमण अप्रत्यक्ष संपर्क के जरिये भी फैल सकता है। इसे ध्यान में रखकर यह अल्कोहल आधारित कीटाणु नाशक स्प्रे विकसित किया गया है। यह वानस्पतिक आधारित विषाणु और जीवाणु रोधी है।

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यह स्प्रे तेजी से हवा में उड़ जाता है और किसी सतह, दरवाजे इत्यादि पर स्प्रे करने के बाद इसके धब्बे, महक या नमी नहीं छूटती।

बयान के अनुसार आईपीएफटी ने सब्जियों तथा फलों पर छूट जाने वाले कीटनाशकों के बचे हुए दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए भी कीटाणुनाशक स्प्रे विकसित किया है। फल और सब्जियों को मानव उपयोग के लिए शत प्रतिशत सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ही आईपीएफटी ने जल आधारित सूत्रीकरण विकसित किया है। इसका उपयोग बेहद आसान है।

इस स्प्रे को पानी में मिलाकर उसमें 15 से 20 मिनट के लिए फल अथवा सब्जी को छोड़ देने के उपरांत उसे स्वच्छ पानी से साफ कर देना होता है। इस सामान्य प्रक्रिया को अपनाने के बाद फल एवं सब्जियां पूरी तरह से रसायन मुक्त हो जाती हैं।

हरियाणा के गुरुग्राम स्थित आईपीएफटी की स्थापना मई 1991 में भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन तथा पेट्रोरसायन विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में की गई थी। आईपीएफटी के चार संभाग शुद्धीकरण तकनीकी विभाग, जैव विज्ञान विभाग, विश्लेषण विज्ञान विभाग और प्रक्रिया विकास विभाग हैं।

भाषा

मनोहर अजय

अजय


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