जेके टायर ने भारत में पेश किए देश के पहले ‘एम्बेडेड स्मार्ट’ टायर, 5,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश

जेके टायर ने भारत में पेश किए देश के पहले ‘एम्बेडेड स्मार्ट’ टायर, 5,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश

जेके टायर ने भारत में पेश किए देश के पहले ‘एम्बेडेड स्मार्ट’ टायर, 5,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
Modified Date: November 10, 2025 / 06:19 pm IST
Published Date: November 10, 2025 6:19 pm IST

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) वाहनों के लिए टायर बनाने वाली कपंनी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सोमवार को भारत के यात्री वाहन खंड के लिए देश के पहले ‘एम्बेडेड स्मार्ट’ टायर पेश किए।

कंपनी ने यह भी कहा कि वह अगले पांच से छह वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना बना रही हैं। इस निवेश का मकसद टायर विनिर्माण की क्षमता बढ़ाना है।

कंपनी के अनुसार, मध्य प्रदेश स्थित बानमोर (मध्य प्रदेश) संयंत्र में डिजाइन और विकसित किए गए इन टायरों में टायर की संरचना के भीतर उन्नत सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर लगातार वायु दाब, तापमान और संभावित वायु रिसाव जैसे महत्वपूर्ण मानकों की निगरानी करते हैं और चालक को त्वरित जानकारी उपलब्ध कराते हैं जिससे वाहन की सुरक्षा, प्रदर्शन और ईंधन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होता है।

 ⁠

जेके टायर का कहना है कि यह तकनीकी उपलब्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाती है।

टायरों के पेश करने के अवसर पर कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रघुपति सिंघानिया ने कहा, “एम्बेडेड स्मार्ट टायर को पेश करना जेके टायर की नवाचार यात्रा में एक मील का पत्थर है। हमारी मजबूत शोध एवं विकास (आरएंडडी) और विनिर्माण क्षमताओं के बल पर हम भारत में मोबिलिटी को और अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ बना रहे हैं। यह हमारी प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता और कनेक्टेड यातायात के भविष्य को नेतृत्व देने के दृष्टिकोण का प्रतीक है।”

कंपनी ने बताया कि एम्बेडेड स्मार्ट टायरों को जेके टायर के विक्रय केंद्रों के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। प्रारंभिक चरण में ये टायर 14 से 17 इंच के आकारों में प्रस्तुत किए जाएंगे।

डॉ. सिंघानिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “अगले पांच से छह वर्षों के लिए हम अब 5,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना बना रहे हैं, ताकि कार और ट्रक टायरों दोनों की क्षमता बढ़ाई जा सके। इसमें से कुछ इकाइयां विशेष रूप से निर्यात के लिए होंगी।”

वर्तमान में कंपनी के कुल राजस्व में 14 प्रतिशत हिस्सेदारी निर्यात की है।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक बाजारों में भारत के लिए अच्छे अवसर दिखाई दे रहे हैं और कंपनी इन अवसरों का पूरा लाभ उठाना चाहती है।

भाषा रमण

रमण


लेखक के बारे में