केरल के वित्त मंत्री ने सीतारमण से मुलाकात में उधारी सीमा कटौती का मुद्दा उठाया

केरल के वित्त मंत्री ने सीतारमण से मुलाकात में उधारी सीमा कटौती का मुद्दा उठाया

केरल के वित्त मंत्री ने सीतारमण से मुलाकात में उधारी सीमा कटौती का मुद्दा उठाया
Modified Date: December 24, 2025 / 09:30 pm IST
Published Date: December 24, 2025 9:30 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य की गंभीर वित्तीय चुनौतियों से अवगत कराते हुए घटाई गई उधारी सीमा बहाल करने का अनुरोध किया।

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) शासित केरल लंबे समय से राज्य की उधारी सीमा में कटौती और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के समग्र वित्तीय रुख को लेकर नाखुशी जताता रहा है।

सीतारमण के साथ हुई बैठक में बालगोपाल ने कहा कि केरल को इस समय राजस्व में गिरावट और उधारी क्षमता पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण एक साथ कई झटकों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे राज्य पर गंभीर वित्तीय दबाव बन गया है।

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बालगोपाल ने यहां संवाददाताओं को इस बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र ने वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही के लिए राज्य की अनुमानित उधारी सीमा में भारी कटौती कर दी है। यह निर्णय केरल में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले लिया गया है।

बालगोपाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपे गए अपने प्रतिवेदन का जिक्र करते हुए कहा, “राज्य ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए 12,516 करोड़ रुपये की उधारी जुटाने की मंजूरी मांगी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने अप्रत्याशित रूप से 5,944 करोड़ रुपये की कटौती करते हुए केवल 5,636 करोड़ रुपये उधारी की ही मंजूरी दी।”

उन्होंने कहा कि उधारी सीमा में कटौती का पैमाना और समय दोनों ही केरल के लिए बेहद प्रतिकूल हैं और इससे गंभीर वित्तीय तनाव पैदा हो गया है।

बालगोपाल ने कहा, ‘‘हाल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में की गई कटौती से केरल को भारी राजस्व क्षति हुई है। बड़े पैमाने पर जीएसटी आय पर निर्भर राज्य को वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 8,000 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा कि इस राजस्व नुकसान की वजह से केरल सरकार के लिए जरूरी सार्वजनिक सेवाओं, कल्याणकारी योजनाओं और पहले से तय विकास व्यय को बनाए रख पाना मुश्किल हो गया है।

इसके साथ ही केरल के वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका में लगाए गए उच्च शुल्कों के कारण राज्य के निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ा है। इस वजह से राज्य को सालाना करीब 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हो सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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