काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नंगे पैर नहीं जाएंगे श्रद्धालु, कागज की चप्पलें बेचेगा KVIC

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने श्रद्धालुओं और कर्मचारियों को हाथ से बनी कागज की चप्पलें (स्लिपर) की बिक्री शुरू करने का फैसला किया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नंगे पैर नहीं जाएंगे श्रद्धालु, कागज की चप्पलें बेचेगा KVIC

kashi vishwnath

Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: January 10, 2022 6:19 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं और वहां काम करने वाले कर्मचारियों को अब मंदिर परिसर में नंगे पैर जाने की जरूरत नहीं होगी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने श्रद्धालुओं और कर्मचारियों को हाथ से बनी कागज की चप्पलें (स्लिपर) की बिक्री शुरू करने का फैसला किया है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। ये चप्पलें काशी विश्वनाथ मंदिर के गलियारे में स्थित खादी दुकान पर उपलब्ध होंगे।

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मंत्रालय ने कहा, ‘‘काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं तथा मंदिर के कर्मचारियों को अब नंगे पांव मंदिर परिसर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी। 14 जनवरी से केवीआईसी हस्तनिर्मित कागज की चप्पलों की बिक्री शुरू करेगा।’’ इन चप्पलों को इस्तेमाल के बाद फेंका जा सकता है। यानी ये ‘यूज एंड थ्रो’ स्लिपर होंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों के लिए जूट से बनी चप्पलें भेजी हैं। प्रधानमंत्री को यह जानकारी मिली थी कि वहां काम करने वाले लोगों को नंगे पैर रहना पड़ता है। इसके बाद केवीआईसी ने यह घोषणा की है। मंत्रालय ने कहा कि ये चप्पलें पर्यावरणानुकूल हैं और कम कीमत पर उपलब्ध होंगी।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com