बीते सप्ताह सरसों, पाम-पामोलीन, बिनौला तेल में सुधार, मूंगफली में गिरावट

बीते सप्ताह सरसों, पाम-पामोलीन, बिनौला तेल में सुधार, मूंगफली में गिरावट

बीते सप्ताह सरसों, पाम-पामोलीन, बिनौला तेल में सुधार, मूंगफली में गिरावट
Modified Date: June 22, 2025 / 10:05 am IST
Published Date: June 22, 2025 10:05 am IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बीच घरेलू तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह पाम-पामोलीन और सोयाबीन तेल के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार का रुख रहा। वहीं गर्मी की नयी फसल की मंडियों में आवक शुरू होने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट देखी गई।

सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के अच्छे दाम नहीं मिलने की वजह से तेल पेराई मिलों की मांग सुस्त रहने के बीच सोयाबीन तिलहन के भाव पिछले सप्ताहांत के स्तर पर स्थिर रहे।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि देश का तेल-तिलहन कारोबार मुख्यत: शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है, जहां लगभग पूरे सप्ताह तेजी बनी रही। विदेशी बाजारों की इस तेजी की वजह से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा सोयाबीन तेल कीमतों में समीक्षाधीन सप्ताह में सुधार आया। लेकिन सोयाबीन डीओसी के बेहतर दाम नहीं मिलने की वजह से देशी पेराई मिलें सोयाबीन खरीद में कम दिलचस्पी ले रही हैं।

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इसके अलावा हाजिर बाजार में सोयाबीन के साथ-साथ मूंगफली का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10-15 प्रतिशत नीचे है। इस स्थिति के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर स्थिर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सरकार की हाफेड और नेफेड जैसी सहकारी संस्थाओं के पास सरसों, सोयाबीन और मूंगफली का स्टॉक है। कुछ स्टॉक किसानों के भी पास है। सरसों पेराई मिलों के पास पाइपलाइन इस बार पूरी तरह से भरी नहीं जा सकी और अप्रैल-मई के महीने में सरसों की जहां भरपूर आवक होती थी, इस बार उतनी आवक नहीं हुई। संभवत: यही वजह है कि सरसों के भाव जो पहले एमएसपी से 4-5 प्रतिशत नीचे थे वह बढ़कर अब एमएसपी से अधिक हो गये हैं। दूसरी ओर सोयाबीन और मूंगफली के भाव एमएसपी से इतने कम हैं कि किसानों के लिए लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।

सूत्रों ने कहा कि वैसे तो पामोलीन से दाम ऊंचा होने के कारण बिनौला तेल की मांग कुछ कमजोर रही है लेकिन कुछ नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग निकलने से बीते सप्ताह बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार दर्ज हुआ।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 6,825-6,875 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 250 रुपये के सुधार के साथ 14,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 40-40 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,525-2,625 रुपये और 2,525-2,660 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 4,425-4,475 रुपये और 4,175-4,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली का दाम 100 रुपये के सुधार के साथ 12,700 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल का दाम 150 रुपये सुधार के साथ 12,550 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल का दाम 50 रुपये के सुधार के साथ 9,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

गर्मी की मूंगफली फसल मंडियों में आने के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 50 रुपये टूटकर 5,675-6,050 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 150 और 25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 13,650 रुपये क्विंटल और 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

वहीं सीपीओ तेल का दाम 100 रुपये के सुधार के साथ 14,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये के सुधार के साथ 12,550 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 11,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 150 रुपये बढ़कर 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

भाषा राजेश

अजय

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