स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में जीवन बीमा कंपनियां बड़ी भूमिका निभाएं : पारेख

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में जीवन बीमा कंपनियां बड़ी भूमिका निभाएं : पारेख

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में जीवन बीमा कंपनियां बड़ी भूमिका निभाएं : पारेख
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: June 27, 2021 11:16 am IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) भारत में जीवन बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारिस्थतिकी तंत्र बनाने को अधिक बड़ी भूमिका की अनुमति होनी चाहिए। एचडीएफसी लाइफ के चेयरमैन दीपक एस पारेख ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही है।

पारेख ने कहा कि इससे जीवन बीमा कंपनियां ‘बाधक’ के बजाय ‘बदलाव’ की भूमिका निभा सकेंगी।

पारेख ने कंपनी की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह साल काफी अनिश्चितता के साथ शुरू हुआ। महामारी की वजह से मानव जीवन का काफी नुकसान हुआ और यह अब सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चुनौती है।

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उन्होंने कहा कि इस तरह के असाधारण संकट के बीच हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा और वर्चुअल कार्य मॉडल के अनुरूप खुद को ढालना होगा।

उन्होंने कहा कि नए कारोबारी प्रीमियम के लिहाज से हम निरंतर शीर्ष दो निजी क्षेत्र की कंपनियों में बने हुए हैं। साल के दौरान हमारा प्रीमियम 20,107 करोड़ रुपये और बाजार हिस्सेदारी 21.5 प्रतिशत रही।

पारेख ने कहा कि एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी आर्थिक सुस्ती, वित्तीय क्षेत्र में तरलता के संकट और ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव के बीच अनिश्चित कारोबारी माहौल में यह आंकड़ा हासिल कर पाई है।

उन्होंने कहा कि कंपनी की विविधता वाले वितरण नेटवर्क की रणनीति से इसमें मदद मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता के विस्तार के लिए निवेश जारी रखेंगे। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है जबकि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण बीमा कंपनियों को बाधक के बजाय बदलाव लाने की भूमिका निभाने की अनुमति दे।’’

भाषा अजय

अजय मनोहर

मनोहर


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