सूरजमुखी, सोयाबीन के पामोलीन से सस्ता होने से स्थानीय तेल कीमतों में गिरावट

सूरजमुखी, सोयाबीन के पामोलीन से सस्ता होने से स्थानीय तेल कीमतों में गिरावट

सूरजमुखी, सोयाबीन के पामोलीन से सस्ता होने से स्थानीय तेल कीमतों में गिरावट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: November 1, 2021 6:10 pm IST

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे हल्के तेलों के भाव पामोलीन से नीचे आने के कारण सोमवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में स्थानीय तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। मलेशिया एकसचेंज में आई गिरावट के कारण स्थानीय तेल कीमतों पर दबाव कायम हो गया।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सीपीओ के मुकाबले सूरजमुखी रिफाइंड और सोयाबीन रिफाइंड तेल के भाव लगभग पांच रुपये किलो कम होने से तेल कीमतों में गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) और सरसों खली की मांग बढ़ने से सरसों दाना और सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव सुधार के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि सरसों की जाड़े में हरी सब्जियों की तथा अचार बनाने वाली कंपनियों मांग बढ़ना शुरू हो गयी है जबकि आवक निरंतर कम होती जा रही है। खुदरा तेल मिलों तथा ब्रांडेड तेल बनाने वाली बड़ी कंपनियों की सरसों की औसत दैनिक मांग बढ़कर साढ़े तीन-चार लाख बोरी हो गई है। जयपुर में अधिभार सहित सरसों के भाव पहले के 8,980-9,005 से बढ़ाकर 9,005-9,030 रुपये क्विंटल कर दिए गए हैं। सरसों की बिजाई बेहतर हुई है और इस बीच राजस्थान के कोटा में सरसों के डीओसी की कीमत 2,550 रुपये से बढ़ाकर 2,650 रुपये क्विंटल कर दी गई है। सरसों की चौतरफा मांग के बीच इसके तेल-तिलहन के भाव मजबूत रहे।

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सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन डीओसी की मांग बढ़ने से सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार रहा जबकि सोयाबीन की पेराई बढ़ने से सोयाबीन तेल कीमतें गिरावट का रुख लिए बंद हुईं।

उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 1.5 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में 0.1 प्रतिशत की तेजी है। सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे हल्के तेलों के भाव पामोलीन से नीचे आने के कारण पामोलीन की मांग जबर्दस्त ढंग से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि सीपीओ का भाव 1,440 डॉलर प्रति टन है जबकि सूरजमुखी तेल का भाव 1,435 डॉलर प्रति टन का है।

नई फसल की मंडियों में आवक बढ़ने के बीच बिनौला और मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट देखने को मिली। पामोलीन महंगा होने से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सूरजमुखी, सोयाबीन जैसे तेलों का स्वाद लेने का सुअवसर मिला है। इस तोहफे को वास्तविकता का जामा पहनाने के लिए सरकार को केवल इस बात का ख्याल रखना होगा कि आयात शुल्क में की गई कमी का लाभ बड़ी कंपनियां उपभोक्ताओं को सुलभ करा पा रही हैं अथवा नहीं।

बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 9,000 – 9,030 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 6,050 – 6,135 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,750 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,005 – 2,130 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,960 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,715 -2,755 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,790 – 2,900 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,500 – 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,900 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,750 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,350

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,400 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,750 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,950 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,800 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,500 – 5,600, सोयाबीन लूज 5,300 – 5,400 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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