लॉकडाउन ने तोड़ दी किसानों की कमर, चौपट हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, फिर भी किसान सरकार के साथ

लॉकडाउन ने तोड़ दी किसानों की कमर, चौपट हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, फिर भी किसान सरकार के साथ

लॉकडाउन ने तोड़ दी किसानों की कमर, चौपट हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, फिर भी किसान सरकार के साथ
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: April 15, 2020 4:54 am IST

मुरैना। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश भर में आजतक लॉक डाउन को 21 दिन से ज्यादा हो गया है। लेकिन इन लॉक डाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। उद्योग, कारखाने, व्यापारी और किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। इस दौरान हम गांव में एक किसान के पास पहुंचे। यह किसान 20 बीघा से अधिक अपनी खेती में सब्जियां उगाता है। शहर के साथ साथ अलग-अलग राज्यों के लिए भेजता है। लेकिन हालात यह हैं कि इस लॉक डाउन के चलते इस किसान की पूरी सब्जियां सड़ चुकी है। यह किसान पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर आ चुका है।

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दरअसल लॉक डाउन को 21 दिन से अधिक हो गये हैं और इन दिनों में किसान मलखान सिंह ने अपने खेत में टमाटर, मिर्ची, बैंगन और ककड़ी की फसल उगाई थी। यह किसान अपनी सब्जियों को शहर के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के लिए भेजता है लेकिन इस लॉक डाउन के चलते खेत में हरी हरी सब्जियां पूरी तरह से सड़ चुकी है। सब्जियों के पेड़ पूरी तरह से सूख चुके हैं।

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किसान मलखान सिंह का कहना है कि इस लॉक डाउन के चलते हमें लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। हमारी सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। अगर यही हालात रहे तो हम आम लोगों को अब की बार हरी सब्जियां नहीं खिला पाएंगे। लेकिन यह किसान पूरी तरह बर्बाद होने के बावजूद भी वह कोरोना महामारी की जंग में सब के साथ खड़ा हुआ है। किसान मलखान सिंह का कहना है कि अगर सरकार आगे इस लॉक डाउन को आगे बढ़ाती है तो हम इसका पूरी तरह से समर्थन करेंगे।

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पूरे देश भर में लोगों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। महामारी तेजी से फैल रही है। और इन सबके बचाने के लिए लॉक डाउन का होना बहुत आवश्यक है। उसका कहना है, जान है तो जहान है। अगर हमारी जान बचेगी तो हम आगे फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकते हैं लेकिन लोगों की जान चली गई तो वह वापस नहीं आएगी।

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वहीं कलेक्टर का कहना है कि 20 अप्रैल के बाद इन किसानों के लिये कुछ इंतजाम किए जायेंगे लेकिन इस आपदा से पीड़ित किसानों के लिये सरकार और प्रशासन कुछ सहायता राशि देगी या नहीं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, दूसरे कलेक्टर के आश्वासन के बाद किसानों को राहत मिलती है या नहीं लेकिन किसान भी किसी भी तरह से हार नहीं मान रहे हैं ओर कह रहे हैं कि इस कोरोना जैसी महामारी से जीत हासिल करेंगे।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com