केंद्र सरकार ने दी टैक्स भरने वालों को बड़ी राहत, 64 संशोधनों के साथ लोकसभा वित्त विधेयक पारित

कर विशेषज्ञों ने गणना के हिसाब से बताया है कि व्यक्तिगत करदाता जिनकी आय 7,27,777 रुपये तक होगी उन्हें इसका प्रावधान का लाभ मिल सकता है।

केंद्र सरकार ने दी टैक्स भरने वालों को बड़ी राहत, 64 संशोधनों के साथ लोकसभा वित्त विधेयक पारित
Modified Date: March 24, 2023 / 08:08 pm IST
Published Date: March 24, 2023 7:43 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च। लोकसभा ने शुक्रवार को 64 आधिकारिक संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2023 पारित कर दिया। जिन संशोधनों को मंजूरी दी गयी है, उसमें नई कर व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं को कुछ राहत देने के साथ जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन तथा बॉन्ड में निवेश वाले कुछ श्रेणी के म्यूचुअल फंड से दीर्घकालीन कर लाभ को वापस लेना शामिल है।

सरकार ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं को शुक्रवार को कुछ राहत दी। इसके लिये वित्त विधेयक में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था दी गयी है कि सात लाख रुपये की कर मुक्त आय से कुछ अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को केवल अतिरिक्त आय पर ही कर का भुगतान करना होगा।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई कर व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभाव में आएगी। वित्त मंत्रालय ने प्रावधान को समझाते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत यदि किसी करदाता की वार्षिक आय सात लाख रुपये है, तो उसे कोई कर अदा नहीं करना होता। लेकिन यदि आय 7,00,100 रुपये है तो इसपर 25,010 रुपये का कर देना पड़ता है। 100 रुपये की इस अतिरिक्त आय की वजह से करदाताओं को 25,010 रुपये का कर देना पड़ता है।

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इसीलिए संशोधन के जरिये मामूली राहत देने का प्रस्ताव किया गया है ताकि व्यक्ति जो कर अदा करे वह सात लाख की कर मुक्त आय से बढ़ी हुई आय से अधिक नहीं होना चाहिए। उपरोक्त मामले में सात लाख से अधिक आय 100 रुपये है इसलिए कर भी इतनी ही राशि पर लगना चाहिए।

Lok Sabha passes Finance Bill

कर विशेषज्ञों ने गणना के हिसाब से बताया है कि व्यक्तिगत करदाता जिनकी आय 7,27,777 रुपये तक होगी उन्हें इसका प्रावधान का लाभ मिल सकता है।

अन्य संशोधनों में तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्टी और शुल्क पर कर की दर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना शामिल है।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त विधेयक बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित हुआ। विपक्षी सदस्य अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति की मांग कर रहे थे और इससे संबंधित नारे लिखी तख्तियों को आसन के समक्ष आकर लहरा रहे थे और नारे लगा रहे थे।

वित्त विधेयक के सभी 64 संशोधन ध्वनि मत से पारित हुए। राज्यसभा में पारित होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।

वित्त विधेयक में जो संशोधन किये गये हैं, उसके तहत एक अप्रैल से, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड में अल्पकालीन पूंजी लाभ कर लगेगा। अबतक निवेशकों को इस पर दीर्घकालीन कर लाभ मिलता था और इस कारण यह निवेश लोकप्रिय था।

फिलहाल, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक तीन साल के लिए पूंजी लाभ पर आयकर चुकाते हैं। तीन साल बाद ये कोष मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाकर 20 फीसदी या महंगाई के प्रभाव के साथ 10 फीसदी का भुगतान करते हैं।

gives relief to taxpayers

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य इसी प्रकार के अन्य निवेश उत्पादों में समानता लाना है।

सरकार ने 2014 में बॉन्ड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड पर कर प्रक्रिया में बदलाव किया था। अल्पकालिक लाभ के लिये समयसीमा बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया और कर की दर बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई।

इसके अलावा, विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के दायरे में आएं।

वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई से विदेशी दौरों पर क्रेडिट कार्ड भुगतान को एलआरएस के अंतर्गत लाकर स्रोत पर कर संग्रह के तहत लाने के तरीके निकालने के लिए आग्रह किया गया है।

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में उदारीकृत धन प्रेषण योजना के तहत एक जुलाई, 2023 से शिक्षा और चिकित्सा को छोड़कर भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने पर 20 प्रतिशत टीसीएस का प्रस्ताव किया गया। इस प्रस्ताव से पहले, भारत से बाहर सात लाख रुपये से ज्यादा भेजने पर पांच प्रतिशत टीसीएस लगता था।

एलआरएस 2004 में लाया गया। शुरू में इसमें 25,000 डॉलर भेजने की अनुमति थी। बाद में इसमें चरणबद्ध तरीके से संशोधित किया गया।

इसके तहत, भारतीय चालू या पूंजी खाते अथवा दोनों के तहत लेन-देन को लेकर कुल 2,50,000 डॉलर (2.05 करोड़ रुपये) प्रति वित्त वर्ष भेज सकते हैं। इससे ज्यादा राशि भेजने पर आरबीआई की मंजूरी की जरूरत पड़ती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 को विचारार्थ और पारित करने के लिए प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सुधार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी जो राजकोषीय सूझबूझ के साथ कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रस्ताव करती हूं कि पेंशन के मुद्दे पर विचार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए और एक ऐसी तरीका निकाला जाए जिससे आम नागरिकों के संरक्षण के लिए राजकोषीय सूझबूझ के साथ कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए।’’

सीतारमण ने यह फैसला गैर-भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू करने का निर्णय और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संघों द्वारा इसकी मांग किए जाने की पृष्ठभूमि में लिया।

रॉयलिटी पर कर की दर और प्रौद्योगिकी सेवाओं का शुल्क बढ़ने के साथ विदेशी कंपनियों को ‘विदहोल्डिंग’ कर की दर में कमी को लेकर कर संधि का लाभ लेना होगा।

इसके अलावा, रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) और इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) के यूनिट धारकों के ब्याज, लाभांश, किराया और पूंजीगत लाभ के अलावा अन्य आय पर कर लगाने के प्रस्ताव को वित्त विधेयक में संशोधित किया गया है।

इसके साथ ही संशोधन में जीएसटी न्यायाधिकरण गठित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी गई। यह न्यायाधिकरण लंबित मुकदमों के निपटान में मदद करेगा।

इसके अलावा, विकल्प सौदों के मामले में प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) एक करोड़ रुपये के कारोबार पर बढ़ाकर 2,100 रुपये कर दिया गया जो पहले 1,700 रुपये था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com