चालू वित्त वर्ष में मार्जिन कम होने, कर्ज लागत बढ़ने से बैंक के लाभ पर पड़ सकता असर: इंडिया रेटिंग्स
चालू वित्त वर्ष में मार्जिन कम होने, कर्ज लागत बढ़ने से बैंक के लाभ पर पड़ सकता असर: इंडिया रेटिंग्स
मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) बैंकों का लाभ चालू वित्त वर्ष में कम होने का अनुमान है। इसका कारण बैंक कर्ज के स्तर पर नुकसान की स्थिति से निपटने के लिए अधिक राशि का प्रावधान कर रहे हैं और ब्याज दरों में कटौती के कारण शुद्ध ब्याज मार्जिन में कमी आ रही है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को यह बात कही।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में कर्ज में 13 प्रतिशत तक वृद्धि होने का अनुमान है। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यदि उच्च शुल्क लागू होते हैं, तो इससे कर्ज वृद्धि पर असर पड़ सकता है।
रेटिंग एजेंसी ने अनुमान जताया है कि कि बैंकिंग प्रणाली के लिए परिसंपत्तियों पर प्रतिफल वित्त वर्ष 2025-26 में सालाना आधार पर घटकर 1.33 प्रतिशत रहेगा जो एक साल पहले 1.38 प्रतिशत था।
इंडिया रेटिंग्स में वित्तीय संस्थानों के प्रमुख और निदेशक करण गुप्ता ने कहा कि शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के कारण लाभ कम होगा। एनआईएम पर पहले ही नीतिगत दर में एक प्रतिशत की कटौती का असर पड़ा है।
एजेंसी ने कहा कि निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं पर उनके सरकारी बैंकों की तुलना में एनआईएम का ज्यादा गहरा असर देखने को मिलेगा क्योंकि उनके लगभग 87 प्रतिशत ऋण बाह्य मानक उधारी दर से जुड़े हैं। शुद्ध ब्याज मार्जित में कमी पूरी प्रणाली के स्तर पर होगी।
गुप्ता ने शुल्क के बारे में कहा कि परिसंपत्ति गुणवत्ता के दृष्टिकोण से समग्र प्रभाव बहुत सीमित होगा क्योंकि रत्न एवं आभूषण तथा कपड़ा क्षेत्रों में बैंकों का जोखिम बहुत सीमित है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर उच्च शुल्क वास्तविक रूप लेते हैं, यह ऋण वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।
भाषा रमण अजय
अजय

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