महाराष्ट्र की उपभोक्ता अदालत ने मेकमाईट्रिप को दिया ग्राहक को मुआवजा देने का निर्देश
महाराष्ट्र की उपभोक्ता अदालत ने मेकमाईट्रिप को दिया ग्राहक को मुआवजा देने का निर्देश
मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र की एक उपभोक्ता अदालत ने मेकमाईट्रिप (एमएमटी) को सेवा में कमी के साथ धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर कार्रवाई न करने और ग्राहक के हवाई टिकटों पर निरस्तीकरण शुल्क काटने के लिए अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराते हुए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
ऑनलाइन यात्रा बुकिंग कंपनी मेकमाईट्रिप को उपभोक्ता अदालत ने कुल 1.37 लाख रुपये ग्राहक को देने का निर्देश दिया है।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मुंबई उपनगरीय (अतिरिक्त) ने 30 जून को जारी अपने आदेश में कहा कि कंपनी ‘शिकायतकर्ता (ग्राहक) के साथ किसी भी स्पष्ट (और) पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों और नीति के बिना’ टिकट रद्द करने का शुल्क काटने की भी दोषी है।
इस फैसले पर कंपनी की अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
उपभोक्ता अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि अगर कंपनी को पता चलता है कि ग्राहक के विवरण और निजी व्यक्तिगत जानकारी से समझौता किया गया है और धोखाधड़ी वाले लेनदेन हुए हैं, तो तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
आयोग ने कहा कि पूरे भारत में काम करने वाली और लाखों ग्राहकों वाली कंपनी मेकमाईट्रिप के पास ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) होनी चाहिए। लेकिन कंपनी ऐसी किसी भी प्रक्रिया को पेश करने में नाकाम रही जो बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
उपनगरीय इलाके घाटकोपर के निवासी शिकायतकर्ता ने पोर्टल के माध्यम से 2019 में अपने परिवार के लिए मुंबई से हांगकांग और वापसी की उड़ान के टिकट बुक किए थे। लेकिन इन टिकटों को उसकी सहमति के बगैर ही रद्द कर दिया गया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय

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