प्रमुख बंदरगाहों को ऑक्सीजन, संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों से सभी शुल्क हटाने का निर्देश

प्रमुख बंदरगाहों को ऑक्सीजन, संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों से सभी शुल्क हटाने का निर्देश

प्रमुख बंदरगाहों को ऑक्सीजन, संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों से सभी शुल्क हटाने का निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: April 25, 2021 10:56 am IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) सरकार ने सभी प्रमुख बंदरगाहों से ऑक्सीजन और अन्य संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों से बंदरगाहों पर लगने वाली सभी शुल्क समाप्त करने का निर्देश दिया है। देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बीच यह कदम उठाया गया है।

बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने सभी प्रमुख बंदरगाहों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंक, ऑक्सीजन बोतल, पोर्टेबल ऑक्सीजन जेनरेटर और ऑक्सीजन कन्स्ट्रेटर लाने वाले जहाजों को बंदरगाहा पर आने को प्राथमिकता देने को कहा है।

बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत को देखते हुए कामराजार पोर्ट लि. सहित सभी बंदरगाहों से कहा गया है कि वे प्रमुख बंदरगाह न्यास द्वारा लगाए जाने वाले सभी शुल्क हटा दें। इनमें जहाज से संबंधित शुल्क और भंडारण शुल्क भी शामिल हैं।

 ⁠

बंदरगाहों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से लॉजिस्टिक्स परिचालन की निगरानी करें, जिससे इनकी आवाजाही में दिक्कत नहीं आए।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कोविड की दूसरी लहर की वजह से आपात स्थिति से जूझ रहे हैं। सभी प्रमुख बंदरगाह इस निर्देश को आज से लागू कर रहे हैं।’’

बयान में कहा गया है कि यदि किसी जहाज पर ऑक्सीजन से संबंधित समान के अलावा अन्य कॉर्गो भी है, तो उसे भी आनुपातिक आधार पर शुल्कों में छूट दी जाएगी।

बंदरगाह मंत्रालय इस तरह के जहाजों, कॉर्गो की निगरानी करेगा और यह देखेगा कि बंदरगाह में जहाज के प्रवेश के बाद बंदरगाह के गेट तक कार्गो पहुंचाने में कितना समय लगा।

सरकार ने शनिवार को कोविड टीके के साथ मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों के आयात पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी।

भारत इस समय कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और पिछले कुछ दिन के दौरान संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले रोजाना आ रहे है। विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर


लेखक के बारे में