विलय, अधिग्रहण सौदे 2023 में 51 प्रतिशत घटकर 83 अरब डॉलर पर: रिपोर्ट

विलय, अधिग्रहण सौदे 2023 में 51 प्रतिशत घटकर 83 अरब डॉलर पर: रिपोर्ट

विलय, अधिग्रहण सौदे 2023 में 51 प्रतिशत घटकर 83 अरब डॉलर पर: रिपोर्ट
Modified Date: January 4, 2024 / 07:30 pm IST
Published Date: January 4, 2024 7:30 pm IST

मुंबई, चार जनवरी (भाषा) वैश्विक वित्तपोषण में कमी का असर घरेलू कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण सौदों पर भी पड़ा है। यह 2023 में 51 प्रतिशत घटकर तीन साल के निचले स्तर 83.8 अरब डॉलर पर रहा।

वास्तव में एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. के विलय से सौदा राशि कुछ ठीक रही। दोनों वित्तीय संस्थानों का विलय कंपनी जगत के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा सौदा है।

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वित्तीय बाजार के आंकड़े देने वाली एलएसईजी डील्स इंटेलिजेंस (पूर्व में रिफिनिटीव) की रिपोर्ट के अनुसार अगर एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. के 60.4 अरब डॉलर के विलय सौदे को हटा दिया जाए तो सौदा मूल्य 23 प्रतिशत और कम हो जाएगा।

वैश्विक स्तर पर सौदे को लेकर कमजोर परिवेश के कारण बीते वर्ष कुछ ही बड़े सौदें पूरे हो पाए।

एलएसईजी डील्स इंटेलिजेंस के वरिष्ठ प्रबंधक एलेन टान ने बृहस्पतिवार को कहा कि इसके परिणामस्वरूप तीन अरब डॉलर मूल्य से अधिक का केवल एक सौदा हुआ और यह सौदा 60.4 अरब डॉलर का एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बीच था। वहीं 2022 में तीन अरब डॉलर से अधिक मूल्य के पांच सौदे हुए थे।

हालांकि, अगर संख्या के हिसाब से देखा जाए तो सालाना आधार पर इसमें 1.7 प्रतिशत की कमी आई है। यह संकेत देता है कि मझोले आकार के लेन-देन का बाजार में दबदबा था।

टान ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति में भारी गिरावट के कारण नीतिगत दर में संभावित कमी को देखते हुए, 2024 में आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। इससे पूंजी कुछ सस्ती होने की उम्मीद है। इसको देखते हुए 2024 में चुनाव के बाद और देशभर में विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियों में तेजी आ सकती है।

उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी, 2022 में संघर्ष शुरू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता बढ़ने से मार्च से वैश्विक वित्तपोषण में कमी आई है। नकारात्मक रुख का कारण रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के कारण उच्च ब्याज दर भी है। इससे दुनियाभर की कंपनियां विलय एवं अधिग्रहण को लेकर ज्यादा सतर्क हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर विलय एवं अधिग्रहण सौदे 17 प्रतिशत घटकर 10 साल के निचले स्तर 2,900 अरब डॉलर पर रहे।

भाषा

रमण अजय

अजय


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