उर्वरक राज्यमंत्री ने गुजरात में इफ्को के नैनो यूरिया संयंत्र का जायजा लिया

उर्वरक राज्यमंत्री ने गुजरात में इफ्को के नैनो यूरिया संयंत्र का जायजा लिया

उर्वरक राज्यमंत्री ने गुजरात में इफ्को के नैनो यूरिया संयंत्र का जायजा लिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: June 19, 2021 11:45 am IST

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने शनिवार को गुजरात में इफ्को के कलोल संयंत्र का दौरा किया और नैनो यूरिया के उत्पादन की प्रगति का जायजा लिया।

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफ्को) ने 31 मई को तरल रूप में दुनिया का पहला ‘नैनो यूरिया’ पेश किया। इसका उत्पादन इसी महीने से शुरू हो गया है।

यह इफको की एक पेटेंट की हुई तकनीक है जिसे इसके नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर, गुजरात में विकसित किया गया है। इफ्को ने नैनो यूरिया लिक्विड की कीमत 240 रुपये प्रति बोतल रखी है, जो पारंपरिक यूरिया की एक बोरी की कीमत से 10 प्रतिशत सस्ती है।

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मंडाविया ने ट्वीट किया, ‘‘गुजरात के कलोल में अत्याधुनिक इफ्को संयंत्र में नैनो यूरिया के उत्पादन की प्रगति का जायजा लिया। साथ ही ‘नैनो यूरिया’ की एक खेप को भी हरी झंडी दिखाई।’’

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल नैनो यूरिया किसानों के लिए आर्थिक बचत और अधिक उपज सुनिश्चित करेगा।

इफ्को के अनुसार, किसानों के द्वारा नैनो यूरिया के उपयोग से न केवल मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल की उत्पादकता में सुधार होगा बल्कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में भी कमी आएगी।

कलोल में नैनो यूरिया संयंत्र की उत्पादन क्षमता 1.5 लाख बोतल प्रतिदिन की है।

कलोल के अलावा, इफ्को ने चालू वित्तवर्ष के अंत तक पहले चरण में उत्तर प्रदेश के अपनी आंवला और फूलपुर सुविधा केन्द्र में नैनो यूरिया संयंत्र बनाने की योजना बनाई है। दूसरे चरण में, वर्ष 2022-23 तक चार और संयंत्रों को चालू किया जाएगा, जिससे 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन होगा।

किसान आसानी से नैनो यूरिया का उपयोग कर सकते हैं। नैनो यूरिया की आधा लीटर की एक बोतल एक एकड़ खेत में दो बार छिड़काव के लिए पर्याप्त है। इसमें कहा गया है कि अब किसान 45 किलो यूरिया की बोरी ढोने की जगह इफ्को की नैनो यूरिया की आधा लीटर की बोतल को बड़े आराम से ढो सकते हैं।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर


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